Explainer: Why Is This Lok Sabha Seat A Question Of Credibility For Uddhav Thackeray And Eknath Shinde? – Explainer : उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के लिए लोकसभा की यह सीट क्यों है साख का सवाल?
मुंबई:
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दौरान दो गठबंधन तो टकरा ही रहे हैं, मगर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) भी अपनी जोर-आजमाइश कर रहे हैं. यूं तो दोनों के लिए गठबंधन की तरफ से मिली हर लोकसभा सीट महत्वपूर्ण है, लेकिन दक्षिण मध्य मुंबई की सीट को जीत लेना दोनों की साख का सवाल है. दक्षिण मध्य मुंबई की सीट पर एकनाथ शिंदे की पार्टी से मौजूदा सांसद राहुल शेवाले का मुकाबला उद्धव ठाकरे की पार्टी के अनिल देसाई से है.
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बाला साहेब से जुड़ा कनेक्शन
मुंबई के शिवाजी पार्क में 17 तारीख की पीएम मोदी और राज ठाकरे की संयुक्त सभा की तैयारी जोरों पर है. ये मैदान कई सियासी घटनाक्रमों का चश्मदीद रहा है. मध्य मुंबई के बीचों-बीच बसा ये ऐतिहासिक मैदान शिवसेना की पहचान रहा है. शिवसेना के दिवंगत प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने पार्टी की स्थापना के बाद सबसे पहली रैली इसी शिवाजी पार्क में आयोजित की थी. जून 2022 में हुई बग़ावत के बाद शिवसेना दो धड़ों में बट गई. शिवाजी पार्क दक्षिण मध्य लोकसभा सीट में ही आती है.
दूसरी वजह शिवसेना भवन
बगावत के बाद पार्टी का आधिकारिक नाम और चुनाव चिह्न उद्धव ठाकरे से छीन गया, लेकिन शिवाजी पार्क के सामने स्थित शिवसेना भवन अभी भी उद्धव ठाकरे के पास ही है. यह बीते कई दशकों से शिवसेना का मुख्यालय रही है. विडंबना ये है कि भले की ठाकरे वाले शिवसेना का मुख्यालय दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा क्षेत्र में हो, लेकिन यहां के सांसद राहुल शेवाले एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना से हैं.
राहुल शेवाले का दावा
शिवसेना सांसद राहुल शेवाले पिछली दो बार से दक्षिण मध्य मुंबई सीट से चुनाव जीत चुके हैं. चुनाव में अब कम दिन बचे हैं. इसलिए कॉर्नर मीटिंग पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. राहुल शेवाले का कहना है उनके सामने भले ही उम्मीदवार UBT (उद्धव ठाकरे की पार्टी) का हो लेकिन असली लड़ाई कांग्रेस के विचारों से है.
अनिल देसाई का दावा
उद्धव ठाकरे ने इस सीट अपने करीबी और राज्यसभा सांसद रह चुके अनिल देसाई को मैदान में उतारा है. वह लोकसभा का चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं. अनिल देसाई को विश्वास है कि दक्षिण मध्य सीट के मतदाता उद्धव ठाकरे का साथ देंगे. उद्धव ठाकरे की सरकार जिस तरह से गिराई गई, उसका ग़ुस्सा लोगो के मन में है. वोटिंग के वक्त यह दिखाई देगा.
इन कारणों से मुकाबला हुआ और दिलचस्प
जब भी मुंबई का कोई लैंडमार्क दिखाना हो तो लोग गेट-वे ऑफ इंडिया या मरीन ड्राइव दिखाते हैं, लेकिन इसी शहर का एक और लैंड मार्क है, जो कोई नहीं दिखाना चाहता है. ये लैंडमार्क है धारावी. धारावी चमक-दमक वाली मुंबई की एक विरोधाभासी तस्वीर पेश करती है. एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती में इस बार चुनाव का एक बड़ा वह खुद है. दरअसल, एकनाथ शिंदे सरकार ने धारावी पुनर्विकास योजना को मंज़ूरी दी है. 600 एकड़ में फैले इस परिसर की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को पक्के मकान और जितनी जगह में रह रहे हैं, उससे ज्यादा एरिया मिलेगी. वहीं ठाकरे की शिवसेना पुनर्निर्माण के प्रोजेक्ट को विरोध कर रही है. चुनावी समीकरण की बात करें तो MNS के NDA के साथ आने के बाद से इस सीट पर मुक़ाबला रोचक बन गया है.