Extraordinary Sad Call Ex Army Chief On Retired Officers Manipur Tweet – असाधारण दुखद स्थिति: सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने मणिपुर की स्थिति पर जताई चिंता


1crkoarg manipur Extraordinary Sad Call Ex Army Chief On Retired Officers Manipur Tweet - असाधारण दुखद स्थिति: सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने मणिपुर की स्थिति पर जताई चिंता

राज्य पुलिस बलों के अलावा मणिपुर में लगभग 30,000 केंद्रीय सुरक्षाकर्मी तैनात हैं

नई दिल्‍ली:

पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक (सेवानिवृत्त) ने मणिपुर की स्थिति पर ‘तत्काल ध्यान’ देने को कहा है. यहां 3 मई से मेइती और कुकी जनजाति के बीच जातीय संघर्ष चल रहा है. जनरल मलिक ने राज्य में खराब स्थिति पर मणिपुर के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के एक ट्वीट का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ‘उच्चतम स्तर पर तत्काल ध्यान देने’ के लिए कहा.

यह भी पढ़ें

इससे पहले, राज्य की राजधानी इंफाल के निवासी लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह (सेवानिवृत्त) ने ट्वीट किया था कि राज्य के हालात बेहद खराब हो गए हैं. बता दें कि एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में उपद्रवियों द्वारा आग लगा दी गई थी.

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने 30 मई को कहा था कि मेइती और कुकी लोगों के बीच जातीय हिंसा के बीच म्यांमार से ‘लुंगी पहने हुए 300 आतंकवादी’ मणिपुर में प्रवेश कर गए हैं. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह के ‘लुंगी-पहने’ संदर्भ को म्यांमार सीमा-आधारित विद्रोहियों की भागीदारी के संकेत के रूप में देखा गया था. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह 40 साल तक भारतीय सेना में सेवा देने के बाद 2018 में सेवानिवृत्त हुए. वह इंटेलिजेंस कॉर्प्स के साथ भी थे.

मणिपुर में कई उपायों के जरिये सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं. सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही. सूत्रों ने बताया कि इन उपायों में सुरक्षा बलों द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों और अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी शामिल है. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति का आकलन करने और केंद्रीय बलों के बेहतर इस्तेमाल और समन्वय के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एस. एल. थाउसेन को मणिपुर भेजा है.

उन्होंने कहा कि एक घटना में नौ युवकों के मारे जाने और केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के निजी आवास में आग लगा दिये जाने के बाद केंद्र सरकार ने मणिपुर में लगातार हो रही हिंसा को रोकने के लिए अत्यावश्यक कदम उठाये.

सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में, राज्य पुलिस बलों के अलावा मणिपुर में लगभग 30,000 केंद्रीय सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. इन बलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लगभग आठ बटालियन, सेना की 80 टुकड़ियां (कॉलम) और असम राइफल्स की 67 टुकड़ियां शामिल हैं. सेना की दिमापुर स्थित 3 कोर ने कहा कि हिंसा की घटनाओं में हाल में हुई वृद्धि के बाद सेना और असम राइफल्स द्वारा एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि जब भी राज्य प्रशासन की ओर से मांग की जाती है तो केंद्र सरकार नियमित रूप से अतिरिक्त बल भेजती है.

सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) ने आज शाम राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की और उन्हें वर्तमान स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने स्थानीय कमांडरों के साथ बंद कमरे में बैठकें भी की हैं ताकि सुरक्षा बलों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जा सके. केंद्र सरकार के शीर्ष पदाधिकारी भी स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और नियमित दिशा-निर्देश दे रहे हैं ताकि जल्द से जल्द सामान्य स्थिति को बहाल किया जा सके.

बता दें कि मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुई थीं. जातीय हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक लगभग 120 लोगों की मौत हो चुकी है और तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पिछले महीने मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति बहाल करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी.

केंद्र ने मणिपुर में हिंसा की जांच के लिए चार जून को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया था. केंद्र ने गृह मंत्री शाह के निर्देश के बाद हिंसा प्रभावित मणिपुर में विस्थापित लोगों के लिए 101.75 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को भी मंजूरी दी है.

ये भी पढ़ें :- 



Source link

x