Fake Cancer Drugs Racket : Sold Fake Cancer Medicines Worth Rs 25 Crore, 12 Arrested So Far Along With Four More Accused – बेच दी कैंसर की 25 करोड़ की नकली दवाएं, चार और आरोपियों के साथ अब तक 12 गिरफ्तार
इन लोगों की गिरफ्तारी ने गिरोह की कार्यप्रणाली का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने रोगियों को कीमोथेरेपी उपचार देने के बजाय खाली शीशियों में एंटी-फंगल दवाएं भर दीं और उन्हें जीवन रक्षक कैंसर दवाओं के रूप में पेश करते थे. पुलिस ने ऐसे सबूत उजागर किए हैं, जो यह बताते हैं कि इस गिरोह की पहुंच दिल्ली की सीमाओं से कहीं आगे तक है और इसका संबंध न केवल देश के अन्य हिस्सों बल्कि चीन और अमेरिका में भी खरीदारों से है.
हाल ही में पकड़ में आए आरोपियों के नाम रोहित, जितेंद्र, माजिद और साजिद हैं. उन्होंने बताया कि ये लोग न सिर्फ इस्तेमाल की गई खाली शीशी को सरगना नीरज चौहान को देते थे, बल्कि यह लोग मरीज को अगर दवा की दो शॉट्स देनी होती तो दो की जगह सिर्फ एक देते और एक गायब कर देते और वो असली भी नीरज को बेच देते थे. उन्होंने बताया कि नीरज इन असली शीशियों को खरीदारों को देता था क्योंकि पकड़े जाने और जांच कराने पर यह काम आए.
आरोपियों के 14 बैंक खाते सीज
गिरफ्त में आए सभी 12 आरोपी मेडिकल फील्ड से हैं. साथ ही यह लोग सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे के संपर्क में आए थे. पुलिस ने गिरफ्त में आए आरोपियों के कुल 14 बैंक खातों को सीज किया गया है. इन बैंक खातों में करीब 90 लाख रुपये थे.
इस रैकेट के प्रमुख लोगों में से एक विफिल जैन ने दिल्ली के मोती नगर स्थित डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स में स्थित दो फ्लैटों से पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया. जैन पहले मेडिकल की दुकानों से जुड़ा था और नकली कैंसर दवाओं के उत्पादन का निरीक्षण करता था. उसके सहयोगी सूरज शाट ने खाली शीशियों में एंटी-फंगल दवा भरी और उन्हें जीवन रक्षक कैंसर दवाओं के रूप में बेचा.
भारत सहित इन देशों में बेचे 7 हजार इंजेक्शन
इन नकली दवाओं के 7,000 से अधिक इंजेक्शन भारत, चीन और अमेरिका में बेचे गए, जिनकी प्रति शीशी कीमत एक से 3 लाख रुपये तक है.
साथ ही परिसर से कैप-सीलिंग मशीनों और खाली शीशियों के साथ ही पैकेजिंग सामग्री सहित काफी मात्रा में नकदी जब्त की गई.
विभिन्न अस्पतालों के ऑन्कोलॉजी विभागों में अपनी भूमिका का लाभ उठाते हुए नीरज चौहान ने इन नकली दवाओं को बेचने के लिए जैन का सहयोग किया. उसके चचेरे भाई और एक लैब तकनीशियन तुषार ने वितरण प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया.
आईआईटी-बीएचयू ग्रेजुएट भी गिरफ्त में
दिल्ली स्थित कैंसर अस्पताल के कर्मचारी कोमल तिवारी और अभिनय कोहली ने अस्पताल परिसर से जैन तक खाली शीशियों की आपूर्ति की. वहीं पुलिस ने कहा कि आईआईटी-बीएचयू ग्रेजुएट आदित्य कृष्ण भी इस गिरोह से जुड़ा है. वह एक मेडिकल स्टोर का मालिक है. पुलिस ने उसे बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया था.
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