Fighting In Gaza Will Not Stop Before Friday Not Will Hostages Be Released – शुक्रवार से पहले गाजा में नहीं रुकेगी लड़ाई, ना ही होगी बंधकों की रिहाई
इज़रायली अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति के बावजूद शुक्रवार से पहले गाजा में लड़ाई में कोई रुकावट नहीं होगी. इस समझौते को इज़रायली सरकार ने बुधवार तड़के मंजूरी दे दी थी और इसके गुरुवार को प्रभावी होने की उम्मीद थी. लेकिन एक इज़रायली अधिकारी ने गुरुवार तड़के एएफपी को बताया कि “शुक्रवार से पहले” इज़रायल और गाजा के हमास के बीच लड़ाई में कोई रुकावट नहीं होगी.
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अधिकारी की यह टिप्पणी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तजाची हानेग्बी के उस बयान के तुरंत बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़रायल पर हमास के हमलों में पकड़े गए किसी भी बंधक को शुक्रवार से पहले मुक्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने एक बयान में कहा, “हमारे बंधकों की रिहाई पर संपर्क आगे बढ़ रहे हैं और लगातार जारी हैं.” “रिलीज़ की शुरुआत पक्षों के बीच मूल समझौते के अनुसार होगी.” इज़रायली अधिकारियों ने पत्रकारों को सूचित किया कि “बंधकों की वापसी को कवर करने के लिए” गुरुवार को दोपहर में तेल अवीव में एक मीडिया सेंटर खुलेगा.
हानेग्बी ने कोई और विवरण नहीं दिया, और इजरायली अधिकारियों ने घटनाक्रम के लिए तुरंत कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया. समझौते के तहत, इज़रायल और हमास गाजा युद्ध में चार दिवसीय संघर्ष विराम पर सहमत हुए, जिसके दौरान फिलिस्तीनी आतंकवादी दैनिक बैचों की एक श्रृंखला में अपने घातक हमलों में बंधक बनाए गए कम से कम 50 बंधकों को मुक्त करेंगे. बदले में, इज़रायल कम से कम 150 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और छह सप्ताह से अधिक की बमबारी, भारी लड़ाई और विनाशकारी घेराबंदी के बाद तटीय क्षेत्र में अधिक मानवीय सहायता की अनुमति देगा.
इस प्रक्रिया में मुक्त होने वाले बंधकों में महिलाएं और बच्चे हैं, और फिलिस्तीनी कैदियों में 18 वर्ष और उससे कम उम्र की महिलाएं और किशोर लड़के हैं.इज़रायल का कहना है कि युद्ध तब शुरू हुआ जब 7 अक्टूबर को हमास के आतंकवादियों ने इज़राइल के इतिहास में सबसे भयानक हमला किया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे और लगभग 240 को बंधक बना लिया. इजरायल ने गाजा में एक बड़ा बमबारी अभियान और फिर जमीनी हमला शुरू किया, जिसके बारे में हमास का कहना है कि इसमें 14,100 लोग मारे गए हैं, जिसमें कई हजार बच्चे भी मारे गए.
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