Filmmaker Shoojit Sircar posts on indians are talkative october director says bengalis are above all
Shoojit Sircar: ‘विक्की डोनर’, ‘मद्रास कैफे’, ‘अक्टूबर’ जैसी शानदार फिल्में बनाने वाले निर्माता शूजित सरकार ने सोशल मीडिया पर एक मजेदार पोस्ट शेयर कर फैंस को बताया कि भारतीय आमतौर पर काफी बातूनी (बातचीत करने वाले) होते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें लगता है कि बंगाली सबसे ज्यादा बातचीत करते हैं.
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले फिल्म निर्माता ने इंस्टाग्राम पर एक नोट शेयर किया, जिसमें उन्होंने सबसे ज्यादा बातूनी के विषय पर लिखा.
शूजित सरकार ने किया है ये पोस्ट
उन्होंने लिखा, “भारतीय आम तौर पर ज्यादा बातचीत करने के रूप में जाने जाते हैं. हालांकि, किसी एक क्षेत्र को सबसे ज्यादा बातूनी के रूप में पहचानना मुश्किल है. लेकिन अगर मुझे अंदाजा लगाना हो, तो मैं कहूंगा कि बंगाली शायद इसमें सबसे आगे होंगे! आखिरकार, ‘अड्डा’ (दोस्ताना बातचीत) बंगाली संस्कृति का एक अभिन्न अंग है! आप क्या सोचते हैं? क्या आप सहमत हैं? बातूनी भारतीय बंगाली अड्डा, भारतीय संस्कृति.”
फिल्म निर्माण पर क्या सोचते हैं शूजित सरकार?
निर्माता प्रशंसकों के साथ रूबरू होने का कोई भी मौका छोड़ते नहीं हैं. इससे पहले उन्होंने फिल्म बनाने को लेकर आईएएनएस से बात की थी. उन्होंने बताया था, “फिल्म निर्माण की प्रक्रिया भीतर से शुरू होती है और इसका बाजार से कोई लेना-देना नहीं है. अपेक्षाओं का बोझ समय के साथ रचनात्मकता को सीमित कर देता है.”
उन्होंने कहा था, “जब मैं कोई फिल्म बनाता हूं तो मेरे दिमाग में कोई दर्शक नहीं होता. फिल्में तो मैं अपने लिए बनाता हूं. मुझे बस अपनी एडिट टेबल पर देखना होता है. दर्शक तो काफी देर से आते हैं.”
निर्माता ने आगे बताया था, “जब प्रचार शुरू होता है, तो आप उससे उम्मीद करना शुरू कर देते हैं, क्योंकि इसमें पैसा लगा होता है. मुझे पता है कि कई प्रकार के दर्शक हैं, कुछ को यह पसंद आएगा, कुछ को यह पसंद नहीं आएगा इसलिए मैं उनसे बहुत अधिक उम्मीद नहीं करता. मैं ओपनिंग डे, शुक्रवार, शनिवार और रविवार के बारे में नहीं सोचता. इसमें बहुत समय लगता है.”
फिल्म निर्माता- निर्देशक हाल ही में अभिषेक बच्चन के साथ अमिताभ बच्चन के क्विज बेस्ड रियलिटी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में नजर आए थे. बता दें कि उनकी हाल में ही अभिषेक बच्चन के साथ ‘आई वॉन्ट टू टॉक’ रिलीज हुई थी.