First temple in Abu Dhabi but there are already two temples in UAE know where they are
Abu dhabi Mandir: अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो चुका है. जिसका 14 फरवरी को उद्घाटन होनेे वाला है. हालांकि ये अबू धाबी का पहला मंदिर तो है लेकिन सऊदी अरब का पहला मंदिर नहीं कहा जा सकता. दरअसल सऊदी अरब में इससे पहले से कई मंदिर मौजूद हैं. जो एक या दो नहीं बल्कि सौ साल पहले ही बन चुके थे.
सऊदी अरब में पहले भी हो चुकी है तीन मंदिरों की स्थापना
इससे पहले भी कई मंदिर अरब देश के अलग-अलग भागों में स्थापित हो चुके हैं. सबसे पहला मंदिर सऊदी अरब केे पड़ोसी देश बहरीन की राजधानी मनामा में बना था जो सन् 1817 में थट्टाई समुदाय के लोगों द्वारा स्थापित किया गया था. यूएई के मुस्लिम देश दुबई में भी मंदिर की स्थापना पहलेे ही हो चुकी है. ये मंदिर 1958 में बना था. इसके बाद यहां 5 अक्टूबर 2022 को एक और मंदिर की स्थापना जेबेल अली गांव में की गई थी.
बता दें ओमान की राजधानी मस्कट में भी 2 हिंदू मंदिर स्थित हैं. मोतीश्वर मंदिर भगवान शंकर का है, जो पुराने मस्कट के मुत्तरा क्षेत्र में है. बताया जाता है कि ये मंदिर लगभग 125 साल पुराना है. वहीं दूसरा मोतीश्वर मंदिर मध्य पूर्व के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है. जो लगभग 150 साल पुराना है. इसे गुजराती हिंदुओं ने बनवाया है. हालांकि दावा ये भी किया जाता है कि मुस्लिम देश में कई पूजा स्थल मौजूद हैं.
चौथे मंदिर का होने जा रहा उद्घाटन
अब अबू धाबी में सऊदी अरब बीएपीएस मंदिर बन चुका है. जिसका उद्घाटन होने जा रहा है. इस मंदिर के लिए पत्थर से लेकर कई चीजें भारत से ले जाकर लगाई गई हैं. साथ ही मंदिर के दोनों और एम्फीथिएटर बनाए गए हैं. जहां एक ओर गंगा तो दूसरी ओर जमुना का जल बहता नजर आएगा. इसके लिए बड़ेे-बड़े कंटेनरों में भारत से गंगा और जमुना का जल ले जाया गया है. साथ ही मंदिर में लगे 700 से अधिक पत्थर भी भारत से ले जाए गए हैं. येे गुलाबी बलुआ पत्थर है.
मंदिर में नजर आती है सुंदर वास्तुकला
पीएम मोदी द्वारा इस मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है. ऐसे में इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है. 700 करोड़ की लागत से बने इस मंदिर में बेहतरीन वास्तुकला की झलक भी देखने को मिलती है. साथ ही पत्थर पर की गई नक्काशी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है. इस मंदिर में वो तमाम चीजें की गई हैं जो लोगों को भारत का अहसास दिलाएंगी. साथ ही बनारस के गंगा घाट पर बैठने का सुकून भी देंगी.
यह भी पढ़ेें: अबू धाबी में बने मंदिर के लिए भारत से गया है गंगा-जमुना का इतना पानी, जानकर रह जाएंगे हैरान