Fish Farming Benefits: पहाड़ के किसानों के लिए बंपर मुनाफे का सौदा मछली पालन, जानें कैसे
बागेश्वर. उत्तराखंड के बागेश्वर जैसे कई पहाड़ी जिलों में राज्य सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं का लाभ लेकर पहाड़ के किसान लगातार उन्नति कर रहे हैं. इन्हीं में से एक योजना फिश फार्मिंग के लिए भी बनाई गई है, जिसका लाभ लेकर पहाड़ के किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. सरकार की ओर से फिश फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है. बागेश्वर में जगथाना के ग्रामीण फिश फार्मिंग कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
बागेश्वर के जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने लोकल 18 को बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों का वातावरण मछली पालन के लिए अनुकूल है. पहाड़ के किसान फिश फार्मिंग से अच्छी आय कमा सकते हैं. बागेश्वर की भौगोलिक स्थिति फिश फार्मिंग के लिए अनुकूल है. जिले के जगथाना क्षेत्र में अच्छी फिश फार्मिंग हो रही है. उन्होंने स्वयं वहां का निरीक्षण किया है. जगथाना के किसान हर साल 7 टन से ज्यादा मछली उत्पादन कर रहे हैं. फिश फार्मिंग उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अच्छी होती है. इसके लिए काफी कम टेंपरेचर की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि फिश फार्मिंग को अच्छा बाजार भी मिल जाता है. जिले के अन्य किसान फिश फार्मिंग करने के लिए मत्स्य विभाग की मदद ले सकते हैं. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ लेने के लिए जिला प्रशासन और जिला स्तरीय कमेटी किसान की हरसंभव मदद करेगी. बागेश्वर जिले में फिश फार्मिंग के लिए 25 सहकारी समितियां काम कर रही हैं. इनकी मदद से 350 किसान मछली पालन कर अच्छी आजीविका कमा रहे हैं.
मछली पालन के लिए कैसे करें आवेदन?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में मछली पालन के उपकरणों और वस्तुओं को खरीदने के लिए किसानों को सहायता दी जाती है. इसमें नए इनबोर्ड मोटर इंजन की खरीद पर 10 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाती है. विद्युत, सौर, बैटरी उपकरणों को खरीदने पर 50 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है. इसमें अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को 60 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. आम किसान को 40 फीसदी की सब्सिडी दी जाती है. योजना का लाभ लेने के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट pmmsy.dof.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. साथ ही योजना के बारे में अधिक जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपने जिले में मत्स्य विभाग में जाकर भी फिश फार्मिंग की निःशुल्क जानकारी ले सकते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 23:55 IST