Five Lakh Farmers Paid Two Rupees Each For Making Manthan Movie Now Show In Cannes Film Festival
नई दिल्ली:
कान्स फिल्म फेस्टिवल का 77 वां एडिशन एक शानदार हिंदी फिल्म का दर्शक बनने जा रहा है. इस फिल्म को हिंदी सिनेमा में मील का पत्थर माना जाता है. जो कान्स फिल्म फेस्टिवल के दौरान शुक्रवार को Salle Bunuel में दिखाई जाने वाली है. ये फिल्म है श्याम बेनेगल की यादगार रचना मंथन जिसमें स्मिता पाटिल का शानदार अभिनय नजर आया था. ये एकमात्र भारतीय मूवी है जो इस साल कान्स के क्लासिक सेक्शन में दिखाने के लिए चुनी गई है. फिल्म में स्मिता पाटिल के अलावा नसीरुद्दीन शाह, गिरीश कर्नाड, कुलभूषण खरबंदा, मोहन अगासे, अनंद नाग और अमरीश पुरी भी हैं.
यह भी पढ़ें
श्याम बेनेगल की मंथन मूवी देश की मशहूर दुग्ध क्रांति पर बेस्ड है जो देश में कभी वर्गीज कुरियन ने शुरू की थी. उन्हें देश में सफेद क्रांति का जनक के नाम से भी जाना जाता है. फिल्म की खास बात ये है कि इसका प्रोड्यूसर कोई बड़ा रईस प्रोडक्शन हाउस नहीं बल्कि पांच लाख डेयरी किसान ही थे. जो गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन से जुड़े हुए थे. गुजरात की पृष्ठभूमि पर बनी ये फिल्म देश की पहली क्राउडफंडिंग मूवी थी. जिसके लिए देशभर के पांच लाख किसानों में दो दो रु. दान किए थे. खुद वर्गीज कुरियन ने विजय तेंदुलकर के साथ मिलकर फिल्म की कहानी लिखी थी.
मंथन मूवी ने साल 1977 में दो नेशनल फिल्म अवॉर्ड जीते थे. एक बेस्ट फीचर फिल्म के लिए था और दूसरा बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए था, जो विजय तेंदुलकर को मिला था. 1976 में ये ऑस्कर के लिए इंडियन ऑफिशियल एंट्री भी बनी. अब जब फिल्म कान्स में दिखाई जा रही है तो इसे देखने के लिए नसीरुद्दीन शाह और स्मिता पाटिल के परिवार भी पहुंचेंगे. फिल्म के प्रोड्यूसर और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन के शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर भी वहां मौजूद होंगे.
वीडियो: वो फिल्म जिसके Producer बने 5 लाख किसान