Food for 25 thousand people is being prepared in this unique kitchen without gas stove – News18 हिंदी
दर्शन शर्मा/सिरोही: आपने हजारों लोगों का खाना एक साथ बनते तो कई जगह देखा होगा, लेकिन राजस्थान में एक रसोई ऐसी भी है, जहां बिना गैस चूल्हे के एक साथ 25 हजार लोगों तक का खाना तैयार होता है. हम बात कर रहे हैं देश-विदेश में फैली आध्यात्मिक संस्था ब्रह्माकुमारीज के राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन की मुख्य रसोई की. तीन मंजिला भवन में संचालित इस अनोखी रसोई का नाम शिव भोलानाथ का भंडारा रखा गया है. इसमें स्टीम (भाप) से 25 हजार लोगों तक का खाना तैयार होता है.सामान्य दिनों में प्रतिदिन 10 से 15 हजार लोगों का खाना पकाया जाता है.
संस्थान के बाबा मिलन समारोह के समय यहां देशभर से आने वाले अनुयायियों के लिए इस रसोई में 25 से 30 हजार लोगों के खाना पकाने की क्षमता है. वैसे तो रसोई में अधिकांश काम ऑटोमेटिक मशीनों से होता है, लेकिन मशीनों के संचालन, खाने की क्वालिटी देखने, सब्जी काटने, आटा बेलने समेत अन्य कार्यों के लिए 200 से 600 तक सेवादार काम सम्भालते हैं. रसोई में सब्जी विभाग, अनाज विभाग, दाल विभाग जैसे विभागों को अलग-अलग बांटकर सेवादारों को जिम्मेदारों सौपी गई है. सब्जी विभाग के बीके यशपाल भाई ने बताया कि रसोई में कुछ सब्जी मार्केट से व कुछ सब्जी संस्थान के खेतों से ही आती है. यहां तीनों समय खाना पकता है.
जर्मनी से लाया गया था सोलर कूकर
संस्थान में वर्ष-1994 में जर्मनी में डेवलप हुए सोलर कुकर की स्थापना शांतिवन में करवाई गई थी. यहां भाप से करीब 1000 लोगों का खाना तैयार किया जाता था.बाद में इस कूकर के सफल होने पर इनकी क्षमता बढ़ाई गई. अब रोजाना सोलर कूकर से करीब 4 टन तक स्टीम पैदा कर खाना पकाया जाता है. यहां संस्थान के बाहर से आने वाले अनुयायियों एवं यहां निवासरत समर्पित भाइयों-बहनों के लिए ब्रेकफास्ट, लंच व डिनर तैयार किया जाता है.
स्वच्छता का रखा जाता है विशेष ध्यान
खाना पकाने की प्रक्रिया में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है. संस्थान सात्विक भोजन पर जोर देता है. इसके लिए यहां काम करने वाले सेवादारों के लिए सिर पर केप लगाना, आटा गूंधते व सब्जी काटते समय ग्लब्ज पहनना जरूरी है. रोटियों को बेलने का काम ऑटोमेटिक मशीनों से होता है.
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FIRST PUBLISHED : May 1, 2024, 08:44 IST