For Farmers, Farming Is Not Only A Means Of Livelihood But Also The Basis For Giving Impetus To The Countrys Economy: Dhankhar – किसानों के लिए खेती आजीविका का साधन ही नहीं, देश की अर्थव्यवस्था: उप राष्ट्रपति धनखड़


eiluiti8 vice president jagdeep For Farmers, Farming Is Not Only A Means Of Livelihood But Also The Basis For Giving Impetus To The Countrys Economy: Dhankhar - किसानों के लिए खेती आजीविका का साधन ही नहीं, देश की अर्थव्यवस्था: उप राष्ट्रपति धनखड़

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़

रायपुर:

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कहा कि किसानों के लिए खेती आजीविका का साधन ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास का आधार है. धनखड़ शनिवार को रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस को संबोधित कर रहे थे.

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उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे किसान खुशहाल होंगे तो देश खुशहाल होगा. किसानों के लिए खेती आजीविका का साधन ही नहीं अपितु देश की इकॉनामी (अर्थव्यवस्था) को गति प्रदान करने, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक विकास का आधार है.”

उप राष्ट्रपति ने अन्नदाताओं का अभिनंदन करते हुए करते हुए कहा, ‘‘कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकी को अपनाकर और किसानों को सहयोग प्रदान कर आने वाली पीढ़ियों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.”

उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘ आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसमें किसानों का योगदान अतुलनीय है. कृषि के क्षेत्र में विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों के योगदान से इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि होगी. 2047 तक विकसित भारत का निर्माण केवल सपना नहीं, हमारा लक्ष्य है. इसे हासिल करने में कृषि के विकास में कृषि वैज्ञानिकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी.”

उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आज स्टार्टअप के लिए नई संभावनाएं और बेहतर विकल्प हैं. उप राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा, ‘‘आप किसानों को कृषि उत्पादों के बेहतर प्रचार और कृषि उत्पादों को और अच्छा बनाने के लिए प्रोत्साहित करें. हमारे किसान भी खेती में ड्रोन तकनीक का उपयोग करें. इसके लिए भी उन्हें प्रोत्साहित किया जाए. आज भारत तेजी से विकास कर रहा है. आपके योगदान से विकास की यह रफ्तार और तेज होगी.”

उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए पौधारोपण, खेती में आधुनिक तकनीक के उपयोग, खेती में सौर ऊर्जा के उपयोग, जल संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया.

धनखड़ ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल और प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न राज्य है. यह सुनिश्चित किया जाए कि इन संसाधनों का पूरा लाभ यहां के लोगों को मिले.”

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा विकसित ‘संजीवनी इंस्टेंट’, ‘संजीवनी मधु कल्क’ एवं ‘संजीवनी राइस बार’ की शुरुआत की और कृषि मार्गदर्शिक-2024 का विमोचन किया. समारोह में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और कृषि मंत्री राम विचार नेताम भी मौजूद थे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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