forbes powerful country list 2025 Know Who makes list of world most powerful countries
World Most Powerful Countries: ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स ने हाल ही में दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में भारत चौथे स्थान पर था. यह लिस्ट शक्तिशाली देशों की सैन्य ताकत पर आधारित थी. अब एक और नई लिस्ट जारी हुई है, जिसमें 2025 में दुनिया के टॉप-10 सबसे शक्तिशाली देशों की रैंकिंग की गई है. हैरानी की बात यह है कि इस लिस्ट में भारत को स्थान नहीं दिया गया है. इसको लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
कहा जा रहा है कि भारत जैसे सबसे अधिक जनसंख्या, चौथी सबसे बड़ी सैन्य ताकत और पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश को टॉप-10 से बाहर कैसे रखा जा सकता है. अब सवाल यह उठता है कि दुनिया के ताकतवर देशों की इस लिस्ट को कौन तैयार करता है? यह लिस्ट इतनी महत्वपूर्ण क्यों है और दुनिया के टॉप-10 देशों को कैसे चुना गया, इसका आधार क्या है? चलिए जानते हैं…
हर साल लिस्ट जारी करती है यह संस्था
दुनिया के टॉप-10 देशों की लिस्ट फोर्ब्स द्वारा जारी की जाती है. यह संस्था हर साल इस तरह की लिस्ट जारी करती है. इसके अलावा दुनिया के सबसे अमीर लोगों, दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों और सबसे बड़ी कंपनियों की लिस्ट भी फोर्ब्स द्वारा जारी की जाती है. यह कंपनी अपनी रैंकिंग लिस्ट में कई मानकों को आधार बनाती है, जिस कारण कंपनी की ओर से जारी की गई लिस्ट को काफी महत्व भी दिया जाता है.
टॉप-10 में नहीं है भारत
फोर्ब्स ने 2025 के 10 सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट जारी की है. इसमें अमेरिका 30.34 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ पहले नंबर पर है. इसके बाद दूसरा नंबर चीन का है, जिसकी जीडीपी 19.53 ट्रिलियन डॉलर है, तीसरे नंबर पर 2.2 ट्रलियन डॉलर की जीडीपी के साथ रूस को स्थान मिला है. इसके बाद यूनाइडेट किंगडम, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जापान, सऊदी अरब और इजराइल को स्थान दिया गया है. टॉप-10 शक्तिशाली देशों की लिस्ट से भारत को बाहर रखा गया है.
यह है टॉप-10 रैंकिंग का पैमाना
फोर्ब्स की ओर से बताया गया है कि रैंकिंग मॉडल को BAV ग्रुप द्वारा तैयार किया गया है, जो ग्लोबल मार्केटिंग कम्यूनिकेशन कंपनी WPP की यूनिट है. रिसर्च टीम का नेतृत्व पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल के प्रो. डेविड रीबस्टीन ने किया है. इस लिस्ट को बनाने के लिए पांच मानक तय किए गए थे, जिसमें नेता, आर्थिक प्रभाव, राजनीतिक प्रभाव, मजबूत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन और मजबूत सेना के आधार पर सभी देशों की नंबरिंग की गई है.
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