FTA With UK Oman To Be On 100 Day Agenda Of Commerce Ministry In New Government Official – नई सरकार में वाणिज्य मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडा में होगा ब्रिटेन और ओमान के साथ एफटीए : अधिकारी
नई दिल्ली:
ब्रिटेन और ओमान के साथ भारत के प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) नई सरकार में वाणिज्य मंत्रालय के 100-दिन के एजेंडा की रूपरेखा में शामिल हो सकते हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. मंत्रालय देश से निर्यात बढ़ाने के लिए निर्यातक समुदाय से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वृहद आर्थिक सहयोग करार (सीईसीए) के लिए मौजूदा आर्थिक सहयोग एवं व्यापार करार (ईसीटीए) का दायरा बढ़ाने के लिए बातचीत भी अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ रही है.
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यह कवायद इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 17 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्रियों से कहा था कि वे अपने-अपने मंत्रालयों के सचिवों और अन्य अधिकारियों से मिलकर इस बात पर चर्चा करें कि पहले 100 दिन और अगले पांच वर्षों के एजेंडा को बेहतर तरीके से कैसे लागू किया जा सकता है. देश में सात चरणों के लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. मतगणना चार जून को होगी. अधिकारी ने बताया कि इन दोनों एफटीए के लिए बातचीत अंतिम चरण में और ज्यादातर मुद्दों पर वार्ता पूरी हो चुकी है.
अधिकारी ने कहा, “भारत-ब्रिटेन एफटीए वार्ता में अधिकांश कठिन मामले समाधान की ओर बढ़ रहे हैं और दोनों पक्ष निष्पक्ष और न्यायसंगत समझौते के लिए सक्रिय रूप से लगे हुए हैं.” भारत और ब्रिटेन ने जनवरी, 2022 में एफटीए के लिए बातचीत शुरू की थी. समझौते में 26 अध्याय हैं. इसमें वस्तुएं, सेवाएं, निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार शामिल है. 14वें दौर की बातचीत जनवरी में हुई थी.
भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 के 17.5 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर हो गया है. शोध संस्थान जीटीआरआई (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौते में भारत के लिए कुल लाभ सीमित ही रहेगा, क्योंकि यहां से अधिकांश उत्पाद पहले से ही कम या शून्य शुल्क (आयात या सीमा शुल्क) पर वहां भेजे रहे हैं. ओमान के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर अधिकारी ने कहा कि यह जल्द पूरा हो जाएगा. भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 12.39 अरब डॉलर रहा है. यह 2021-22 में 10 अरब डॉलर था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)