Gadar 2 Director Says Ameesha Patel Was Weak At Acting During Gadar Ek Prem Katha


Gadar 2 डायरेक्टर ने खोले अमीषा पटेल के पुराने राज, एक्टिंग में कमजोर होने बावजूद क्यों हुई थीं सिलेक्ट ?

अमीषा पटेल और सनी देओल

नई दिल्ली:

अमीषा पटेल इन दिनों सनी देओल के साथ अपनी लेटेस्ट रिलीज ‘गदर 2’ की सक्सेस इंजॉय रही हैं. साल 2000 में कहो ना…प्यार है से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली एक्ट्रेस ने 2001 में गदर: एक प्रेम कथा में काम किया. यह फिल्म एक ब्लॉकबस्टर थी और सकीना के रोल में अमीषा पटेल को काफी पसंद किया गया. हाल ही में गदर 2 के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने अमीषा के बारे में बात की और कहा कि जब उन्होंने पहली बार अमीषा गदर के लिए चुना था तो वह बहुत अच्छी एक्ट्रेस नहीं थीं.

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बॉलीवुड हंगामा के साथ बातचीत में अनिल शर्मा ने कहा कि सकीना के रोल के लिए वह किसी ‘चांद-जैसे चेहरे’ वाली हीरोइन को कास्ट करना चाहते थे. जबकि लुक के मामले में अमीषा पटेल इस रोल के लिए बिल्कुल परफेक्ट थीं. उन्होंने बताया कि उन्होंने एक और लड़की को शॉर्टलिस्ट किया था. जो एक बेहतर एक्ट्रेस थी. “मैं चांद जैसे चेहरे वाली ऐसी एक्ट्रेस चाहता था. वह एक्टिंग में कमजोर थी. मैंने नितिन केनी से कहा कि हमने जिस दूसरी लड़की को चुना है वह एक बेहतर एक्ट्रेस है. अमीषा की पर्सनैलिटी एक अमीर घर से आने वाले बंदे जैसी थी और उसने उसे बखूबी स्क्रीन पर दिखाया.

फिर अनिल शर्मा ने बताया कि उन्होंने अमीषा से कहा कि उन्हें कम से कम 6 महीने तक ट्रेनिंग देनी होगी और वह मान गईं. वह अनिल शर्मा के साथ 4-5 घंटे के लिए ट्रेनिंग के लिए आती थीं और उन्होंने सकीना की पर्सनैलिटी डेवलप करने में मदद की.

अनिल शर्मा ने अमीषा पटेल को कहा ‘बड़े घर की बिटिया’

गदर 2 की रिलीज से पहले अमीषा ने अनिल शर्मा पर मेकअप आर्टिस्ट, टेक्नीशियन और कॉस्ट्यूम डिजाइनरों पूरे पैसे नहीं देने का आरोप लगाया था. अब अमीषा के बारे में बोलते हुए गदर 2 डायरेक्टर ने कहा कि पहले भी उनके साथ उनके मतभेद रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2001 में गदर की शूटिंग के दौरान भी उनके बीच मतभेद हो गया था.

उन्होंने कहा, “वो बड़े घर की बिटिया है, उनके मिजाज थोड़े बड़े हैं, मगर दिल की बुरी नहीं हैं, दिल की अच्छी हैं. बड़े घर की बेटी जो होती है कभी-कभी तुनकमिजाज आ जाती है. हम लोग छोटे घर के लोग हैं. हम लोग प्यार मोहब्बत से रहते हैं. वो भी रहती हैं लेकिन थोड़ा सा एटीट्यूड, एक अदा है उनमें जो कभी-कभी टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती है लेकिन इंसान अच्छी हैं.



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