गालवान घाटी की नई सैटेलाइट तस्वीरों में दिखे चीन के बनाए ढांचे और फौजी

भारत-चीन में चल रहे तनाव के बीच अभी मंगलवार को ही खबर आई थी कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से अपनी-अपनी सेनाएं वापस बुलाए जाने को लेकर आपसी सहमति जताई है, लेकिन ऐसे में कुछ नई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि गलवान घाटी में LAC के दोनों ओर चीनी सेना की मौजूदगी है. यहां चीनी जवान और उनके कुछ ढांचे दिख रहे हैं यानी उनकी ओर से कुछ निर्माण कार्य किया गया है. 15 जून की रात को गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच भी हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवा दी थी.

भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि चीनी सेना के लगभग 45 सैनिकों को नुकसान पहुंचा है, वहीं झड़प में उनका एक कर्नल मारा गया है.सैटेलाइट तस्वीरें पेट्रोल पॉइंट 14 के पास की हैं, यहीं पर उस रात झड़प हुई थी. 16 जून को कुछ तस्वीरें ली गई थीं, जिनमें उस जगह पर कुछ मलबा दिखाई दे रहा है लेकिन जो नई तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें देखा गया है कि इलाके में संभावित रूप से चीनी सेना की मौजूदगी बढ़ी है, वहीं इलाके में LAC की ओर जाने वाले चट्टानी रास्ते पर शेल्टर बनाए गए दिख रहे हैं. यह सबकुछ 16 जून की इमेज में नहीं था. 

देश के जानमाने कार्टोग्राफर रिटायर्ड मेजर जनरल रमेश पाढ़ी कहते हैं, ” पैट्रोल प्वाइंट 14 के आसपास घुसपैठ के साफ संकेत हैं. ये चीनी वास्तविक नियंत्रण रेखा की ओर से रक्षात्मक रूप से दिखाई देते हैं. तस्वीरों में भारी वाहनों की एक स्पष्ट मूवमेंट दिखाई देती है जो साफ करती है कि चीन का इस क्षेत्र में तैनात रहने का इरादा है.” NDTV ने प्रतिक्रिया के लिए सेना और विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है. जवाब मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

हाई रिजॉल्यूशन की सैटेलाइट तस्वीरें उपलब्ध कराने वाली स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी Maxar से NDTV को लद्दाख के इस इलाके की जो तस्वीरें मिली हैं, उनमें पहली बार ऐसा देखा जा सकता है कि LAC से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर गलवान नदी के ऊपर पुलिया बनाई गई हैं, यहां चीनी हिस्से में रोड जैसी संरचना दिखाई दे रही है. ऐसा लग रहा है कि यह पुलिया उसी जगह पर है, जहां गलवान नदी में बुलडोजर के जरिए इसका बहाव रोकने की कोशिश की गई थी. इसका सबूत 16 जून की तस्वीर में देखा गया था. हालांकि, 22 जून को ली गई नई तस्वीरों में बनी हुई पुलिया के नीचे से पानी का बहाव पहले जैसा ही दिख रहा है. 

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