Ganesh Chaturthi 2024: भगवान श्रीकृष्ण को भी चतुर्थी के दिन चांद देखने से लगा था कलंक, कैसे बचें, पंडितजी ने बताया उपाय


देवास. गणेश चतुर्थी के दिन अगर आपने चंद्रमा को देख लिया तो माना जाता है कि आप पर गलत आरोप लग सकते हैं. इस वजह से कहा जाता है कि चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन नहीं करना चाहिए. आपको बता दें कि चतुर्थी की तिथि 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 38 मिनट तक रहेगी. भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पत्थर चौथ या कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन चांद के दर्शन नहीं करने चाहिए. चांद के दर्शन करने से मानहानि हो सकती है और आप पर किसी तरह का कलंक लग सकता है.

लिहाजा इस दिन चंद्रमा से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है. पंडित अजय शास्त्री बताते है कि धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देखने वाला व्यक्ति झूठे आरोप में फंस सकता है. उसके व्यक्तित्व और छवि पर कलंक लग सकता है. इसलिए इस दिन को ‘कलंक चतुर्थी’ के नाम से भी जाना जाता है.

कलंक चतुर्थी से जुड़ी है कई मान्यताएं

कलंक चतुर्थी से जुड़ी एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा भी है. माना जाता है कि एक बार भगवान श्री गणेश अपने वाहन मूषकराज पर सवार होकर घूमने निकले. घूमने के दौरान एक जगह मूषकराज किसी चीज से टकराए, तो संतुलन बिगड़ने से भगवान श्री गणेश गिर पड़े. इस घटना को चंद्रमा ने देख लिया और वे भगवान श्री गणेश पर हंसने लगे. तब भगवान श्री गणेश ने चंद्रमा को यह श्राप दिया कि जो भी भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी पर चन्द्रमा को देखेगा, उस पर झूठे आरोप और कलंक लगेंगे.

पंडित अजय श्रास्त्री बताते हैं कि श्रीमद्भागवत में भी कहा गया है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी गलती से गणेश चौथ का चांद देख लिया था, तो उन पर स्यमंतक मणि चुराने का आरोप लग गया था. पंडित शास्त्री आगे बताते है कि कोई व्यक्ति अगर गलती से चंद्रमा देख लेता है तो उस कलंक से बचने के सरल उपाय भी है. इसमें पहले पूज्य श्री गणेश जी का पूजन है. श्री गणेश के पूजन ध्यान और दूर्वा चढ़ाने से भी चंद्रमा के कलंक का प्रभाव कम होता है.

FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 15:14 IST



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