Gangster Case: सपा सांसद अफजाल अंसारी की अपील पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, अब फैसले से तय होगा सियासी भविष्य


हाइलाइट्स

सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर में मिली 4 साल की सजा के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई पूरी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है

प्रयागराज. गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर में मिली 4 साल की सजा के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच अपीलों पर सुनवाई कर रही थी. कोर्ट का फैसला अगले हफ्ते आने की उम्मीद है.

अफजाल अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय के मुताबिक वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने अफजाल अंसारी का मजबूती से पक्ष रखा. वहीं सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने दलीलें पेश की. जबकि बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय परिवार के वकील सुदिष्ट सिंह ने पक्ष रखा. कोर्ट का फैसला आने के बाद यह तय होगा कि अफजाल अंसारी का राजनीतिक भविष्य क्या होगा. अगर अफजाल अंसारी को कोर्ट से राहत नहीं मिलती है यानि उनकी सजा रद्द नहीं हुई तो लोकसभा की सदस्यता निरस्त हो जाएगी. इसके बाद गाजीपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराना पड़ेगा. हालांकि सोमवार को ही अफजाल अंसारी ने सांसद पद की सदस्यता ग्रहण कर ली है. दरअसल, पीपल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत 2 साल से अधिक की सजा पाया हुआ कोई भी व्यक्ति कोई चुनाव नहीं लड़ सकता है. ऐसे में कोर्ट से राहत न मिलने पर अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता स्वत: रद्द हो जाएगी.

एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनायी थी सजा
गौरतलब है कि गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट से जुड़े एक मामले में 29 अप्रैल 2023 को अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी और एक लाख का जुर्माना भी लगाया था. एमपी एमएलए कोर्ट गाजीपुर के फैसले के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी और उन्हें जेल जाना पड़ा था. जिसे उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की जमानत मंजूर कर ली थी लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई थी. इसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट ने अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगा दी थी और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उनकी अपील 30 जून से पहले निस्तारित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट से रोक लगने के बाद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो गई थी. इसके बाद अफजाल अंसारी ने गाजीपुर लोकसभा सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव सपा प्रत्याशी के तौर पर लड़ा और जीत भी दर्ज की.

सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार ने की है सजा बढ़ाने की मांग
वहीं अफजाल अंसारी की अपील के खिलाफ यूपी सरकार और कृष्णानंद राय के परिवार की तरफ से अर्जियां दाखिल कर 4 साल की सजा बढ़ाकर 10 साल किए जाने की अपील की गई थी. यूपी सरकार और कृष्णानंद राय परिवार की तरफ से दलील दी गई थी कि इसी केस में मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है. इसी आधार परअफजाल अंसारी की भी सजा बढ़ाई जानी चाहिए. हालांकि अफजाल अंसारी के अधिवक्ताओं ने इसका विरोध किया. उनकी यह दलील थी कि जिस बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के मर्डर केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट लगा था. उस केस में वह पहले ही बरी हो चुके हैं. इस आधार पर उन्हें सजा नहीं सुनाई जा सकती है. फिलहाल सपा सांसद अफजाल अंसारी का भविष्य हाई कोर्ट के फैसले पर टिका हुआ है.

FIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 08:20 IST



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