Gangster Sanjeev Jeeva Murder Case Postmortem Report Six Bullets Were Found In Body Sharp Shooter Vijay Gets Training ANN | Sanjeev Jeeva Murder Case: गैंगस्टर संजीव जीवा के शव का हुआ पोस्टमार्टम, शरीर के आर-पार हुईं 6 गोलियां


Gangster Sanjeev Jeeva Murder Case: उत्तर प्रदेश के बड़े गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद अब पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है. लखनऊ कोर्ट परिसर के अंदर संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. देर रात गैंगस्टर के शव का पोस्टमार्टम किया गया, जिसकी पूरी वीडियोग्राफी भी हुई. डॉक्टरों के एक पैनल ने जीवा का पोस्टमार्टम किया. जीवा को इस हमले में 6 गोलियां लगी थीं. पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि जीवा को लगी सभी गोलियां शरीर के आर-पार हो गईं. सभी गोलियां पीठ पर बाईं तरफ मारी गईं, जो सीने और पेट की तरफ से पार निकल गईं. 

शूटर विजय को मिली थी ट्रेनिंग
गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर सामने आई जानकारी के मुताबिक सभी गोलियां आसपास ही लगीं हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विजय  एक शार्प शूटर है. गोली चलाने वाले विजय को बाकायदा इसके लिए ट्रेनिंग दी गई थी. बताया गया है कि गोलियों से वाइटल ऑर्गन को निशाना बनाने की उसे ट्रेनिंग दी गई थी. माना जा रहा है कि जिन गोलियों से बच्ची और दो पुलिसकर्मियों घायल हुए, वो जीवा के शरीर के आरपार होने के बाद लगीं.

भरी अदालत में गोली मारकर हत्या
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के कथित सहयोगी संजीव माहेश्वरी जीवा की बुधवार 7 जून को लखनऊ के अदालत परिसर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस दौरान कई लोग वहां मौजूद थे. विजय नाम के शूटर ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. अदालत में मौजूद लोगों ने बताया कि हमलावर ने वकील की ड्रेस पहनी हुई थी. 

घटना के बाद लखनऊ के पुलिस कमिश्नर एसबी शिराडकर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, “लखनऊ जेल में संजीव माहेश्वरी जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था जहां हमलावर ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.” इस हमले में दो साल की एक लड़की और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी. 

कौन है संजीव माहेश्वरी
मुख्तार अंसारी गिरोह का गैंगस्टर जीवा (48) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था. वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में भाजपा मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था और उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के दो दर्जन मामले दर्ज थे. ब्रह्म दत्त द्विवेदी और उनके गनर की 10 फरवरी, 1997 को उस समय हत्या कर दी गई जब वह फर्रुखाबाद जिले में एक तिलक समारोह से लौट रहे थे. निचली अदालत ने 17 जुलाई, 2003 को जीवा और अन्य आरोपियों को द्विवेदी और उनके गनर की हत्या का दोषी करार दिया था और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

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