Gangster Sanjeev Jeeva Murder Case Yogi Govt Reply In Supreme Court His Wife Was Given Relief From Arrest For Funeral | Sanjeev Jeeva Murder Case: गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद पत्नी को गिरफ्तारी से दी गई थी राहत


Gangster Sanjeev Jeeva Murder Case: यूपी के गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है. इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमलावर है, वहीं जीवा की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा और गिरफ्तारी से राहत देने की गुहार लगाई है. जिस पर अब उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जवाब दिया गया है. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि संजीव जीवा की पत्नी पायल को पहले ही बता दिया गया था कि उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, इसके बावजूद वो अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई. 

यूपी सरकार ने दी जानकारी
संजीव जीवा की कोर्ट परिसर में गोलियों से भूनकर हत्या किए जाने के बाद उसकी पत्नी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी आदेश देने से मना कर दिया. इस मामले में यूपी सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संजीव जीवा का कल (8 जून) अंतिम संस्कार कर दिया गया. परिवार को सूचना दे दी गई थी कि उसकी पत्नी को इस दौरान गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. फिर भी वह वहां मौजूद नहीं रही. 

पत्नी पर भी लगा है गैंगस्टर एक्ट
बता दें कि संजीव जीवा की पत्नी के वकील ने जीवा की तेरहवीं तक गिरफ्तारी से राहत मांगी थी. इसे लेकर एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई. जीवा की पत्नी पायल पर भी गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है. इस पर जवाब देते हुए यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जीवा के जेल में रहने के दौरान उसकी पत्नी पायल ही उसका गिरोह चलाती रही है. इसलिए उस पर गैंगस्टर एक्ट लगा है.

कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े हुई हत्या
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक अदालत में दिनदहाड़े सनसनीखेज तरीके से मुख्तार अंसारी के करीबी और गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या कर दी गई. इस हमले में एक बच्ची समेत दो अन्य लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने गिरफ्तार कथित हमलावर की पहचान विजय यादव (24) के रूप में की है, जो जौनपुर जिले के केराकत पुलिस थाना अंतर्गत सर्की सुल्तानपुर गांव का निवासी है. इस हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस एक बार फिर सवालों के घेर में आ गई, जिसे देखते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी)का गठन हुआ. जो अदालत परिसर में सुरक्षा में हुई लापरवाही की जांच कर रही है.

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