Gaza Egypt Border Philadelphi Corridor: 100 मीटर जमीन जिसे कब्जा करके गाजा को जेल बना देता है इजरायल, फिलाडेल्फिया कॉरिडोर क्यों चाहते हैं नेतन्याहू?
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फिलाडेल्फिया कॉरिडोर, गाजा और मिस्र की सीमा पर 14 किमी लंबी और 100 मीटर चौड़ी पट्टी है. इजरायल-हमास संघर्ष में यह महत्वपूर्ण है. यह गाजा में हथियारों की तस्करी और आपूर्ति का मुख्य मार्ग है. समझौते के तहत, इज़रायली सेना चरणबद्ध तरीके से यहां से…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम हो गया है
- इजरायली सेना 50 दिनों में फिलाडेल्फिया कॉरिडोर से हटेगी
- फिलाडेल्फिया कॉरिडोर हमास के लिए लाइफलाइन है
तेल अवीव: इजरायल और हमास के बीच सीजफायर शुरू हो गया है. पिछले 15 महीनों से चल रही लड़ाई में फिलहाल यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है. कतर, यूएस और मिस्र के प्रयासों से यह समझौता हुआ है. इसके तहत कई चरणों में हमास की ओर से बंधकों की रिहाई होगी. बदले में इजरायल की जेलों में बंद 737 फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल छोड़ेगा. पहले चरण में हमास की ओर से 33 बंधकों को आजाद किया जाएगा. इसके अलावा राहत सामग्री वाले 600 ट्रक और 50 ईंधन टैंकर हर रोज गाजा में जाएंगे. लेकिन युद्धविराम की शर्तों में फिलाडेल्फिया कॉरिडोर से वापसी भी शामिल है. यह ऐसी जगह है, जिसे नेतन्याहू नहीं छोड़ना चाहते. आइए जानें यह कहां है और आखिर इजरायल इसे क्यों चाहता है?
फिलाडेल्फिया कॉरिडोर राफा क्रॉसिंग समेत मिस्र और गाजा की सीमा के बीच 14 किमी लंबी और 100 मीटर चौड़ी पट्टी है. 2005 में गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी के बाद एक विसैन्यीकृत सीमा के रूप में नामित किया गया था. यह भूमध्य सागर तक जाती है. मिस्र के साथ इजरायल की 1979 कैंप डेविड संधि ने गलियारे में सीमित संख्या में सैनिकों को तैनात करने की इजाजत दी थी. इजरायल के बाद यह फिलिस्तीनी प्राधिकरण की जिम्मेदारी थी. 2007 में हमास की ओर से गाजा पर नियंत्रण करने तक मिस्र ने यहां 750 पुलिसकर्मी तैनात कर रखे थे. ताकि तस्करी को रोका जा सके. मई में इजरायल ने पिछले साल इस कॉरिडोर पर कब्जा कर लिया था.
फिलाडेल्फिया कॉरिडोर को दिखाते नेतन्याहू. (AP)
फिलाडेल्फिया कॉरिडोर छोड़ेगा इजरायल
पहले जब भी युद्धविराम की चर्चा में फिलाडेल्फिया कॉरिडोर से हटने की बात आती तो इजरायल नहीं मानता था. लेकिन अब के समझौते में इजरायली रक्षा बल (IDF) चरणबद्ध तरीके से नेटजारिम कॉरिडोर और फिलाडेल्फिया कॉरिडोर से वापसी करेगी. इन क्षेत्रों में IDF की मौजूदगी धीरे-धीरे कम होगी. 50वें दिन फिलाडेल्फिया कॉरिडोर को इजरायली सेना पूरी तरह छोड़ देगा. इसके बाद मिस्र राफा क्रॉसिंग की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेगा. हालांकि फिलाडेल्फिया कॉरिडोर कब्जाने का प्लान पहले से ही नेतन्याहू के दिमाग में था. पिछले साल जनवरी में ही उन्होंने गाजा-मिस्र सीमा को कंट्रोल करने का इरादा जताया था.
क्यों महत्वपूर्ण है फिलाडेल्फिया कॉरिडोर
गाजा की सीमा दो तरफ से इजरायल से घिरी है. वहीं एक तरह भूमध्य सागर है. मिस्र के साथ गाजा की सीमा हमास के लिए किसी लाइफलाइन से कम नहीं है. गाजा में घातक हथियारों की तस्करी हमास इसी रास्ते करता रहा है. यहां पर इजरायल कब्जा करके पूरे गाजा को एक खुली हवा वाली जेल बना सकता है. सुरंगों और बॉर्डर के जरिए हथियारों और अन्य सामान की तस्करी होती है. इसके अलावा हमास अपने गुर्गों को गाजा में लाने और बाहर भेजने के लिए इसी फिलाडेल्फिया कॉरिडोर का इस्तेमाल करता है. मिस्र की ओर से लगातार इसे रोकने की कोशिश होती रही है, फिर भी हमास की तस्करी जारी है. हालांकि इस बात के भी सबूत हैं कि हथियारों की तस्करी के लिए भूमध्य सागर का इस्तेमाल किया गया है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
January 20, 2025, 11:32 IST