Ghulam Nabi Azad Says, No Benefit Will Come Out Of Opposition Unity Ahead Of 2024 Loksabha Polls – विपक्षी एकता का फायदा तभी मिलेगा, जब… : गुलाम नबी आजाद
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि उन्हें इसमें आमंत्रित नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा, “विपक्षी एकता का लाभ तभी मिलेगा जब दोनों पक्षों के लिए कुछ होगा. दोनों के लिए लाभ के हिस्से में अंतर हो सकता है – यह 50-50 या 60-40 हो सकता है – लेकिन इस मामले में, दोनों पक्षों के पास दूसरे को देने के लिए कुछ भी नहीं है.”
आजाद ने पश्चिम बंगाल का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का राज्य में कोई विधायक नहीं है और सोचने वाली बात है कि अगर दोनों पार्टियां ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ गठबंधन करती हैं, तो इसमें टीएमसी को क्या फायदा होगा.”
उन्होंने कहा, “बनर्जी गठबंधन क्यों करेंगी? इससे उन्हें क्या फायदा होगा? इसी तरह टीएमसी का राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कोई विधायक नहीं है. कांग्रेस उन्हें इन राज्यों में क्या देगी? कुछ भी नहीं.”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने कहा कि इसी तरह, आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के पास एक भी विधायक नहीं है. जबकि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी के पास कहीं और कोई विधायक नहीं है.
उन्होंने पूछा, “कांग्रेस उन्हें (रेड्डी को) क्या देगी और रेड्डी कांग्रेस को क्या देंगे.”
हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री आजाद ने स्पष्ट किया कि वह चाहते हैं कि अगले साल होने वाले आम चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए विपक्ष एकजुट हो जाए.
आजाद ने कहा, “लेकिन दुर्भाग्य से, प्रत्येक विपक्षी दल के पास अपने राज्य के अलावा अन्य राज्यों में कुछ भी नहीं है. यदि दो-तीन दलों ने राज्यों में (गठबंधन में) सरकारें बनाई होती तो यह फायदेमंद होता.”
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