Girls purified during menstruation know Different rituals in Indian states on girls periods


मासिक धर्म यानी पीरियड्स किसी भी लड़की की जिंदगी का अहम पड़ाव होते हैं. मासिक धर्म आना इस बात का संकेत होता है कि एक लड़की का शरीर भविष्य के लिए तैयार हो रहा है. साइंस के मुताबिक, मासिक धर्म शुरू होते ही शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव भी होते हैं. इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि पीरियड्स आने के बाद ही महिलाओं का शरीर मां बनने के लिए तैयार होता है. 

पीरियड्स आना एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया है. इसके बावजूद कई जगहों पर इसे अच्छा नहीं माना जाता. पीरियड्स के दिनों में लड़कियों को अशुद्ध माना जाता है और उन पर कई तरह की पांबदियां लगा दी जाती हैं. हालांकि, कई राज्यों में पीरियड्स को ईश्वर का वरदान भी माना जाता है. इसकी शुरुआत होने पर समारोह का आयोजन भी किया जाता है. आइए जानते हैं देश के अलग-अलग राज्यों में मासिक धर्म यानी पीरियड्स को लेकर क्या-क्या रिवाज हैं… 

ऋतुशुद्धि रिवाज

कर्नाटक व अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में किसी भी लड़की के मासिक धर्म शुरू होते ही ऋतुशुद्धि या फिर ऋतु कला संस्कारम आयोजित किया जाता है. यह एक तरह से लड़कियों के वयस्क होने का अनुष्ठान है. इस दौरान लड़कियों को नहला कर उन्हें लंगा वोनी (हाफ साड़ी फंक्शन) पहनाई जाती है. इस दौरान लड़की के परिवारीजन व दोस्त उसे उपहार देते हैं. महिलाएं लड़की को पीरियड्स से जुड़ी हर बात बताती हैं, जिससे उसे भविष्य में किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े. 

तुलोनिया बिया

असम में जब किसी लड़की को पहली बार पीरियड्स होते हैं तो तुलोनिया बिया नामक त्योहार मनाया जाता है. यह शादी के समान त्योहार है, जिसमें लड़की को कई काम करने पर मनाही होती है. यहां तक कि से शुद्ध करके एक कमरे में भेज दिया जाता है, जहां उसे मासिक धर्म के दौरान रहना होता है. इस दौरान सूर्य,चंद्रमा और सितारों को भी देखना अशु माना जाता है. सात दिन बाद लड़की को तैयार कर केले के पौधे से उसकी शादी की जाती है. इस समारोह में लड़की रिश्तेदार उसे उपहार देते हैं. 

मंजल निरातु विजा

तमिलनाडु में पीरियड्स की शुरुआत में रिश्तेदारों को कार्ड बांटकर बुलावा दिया जाता है. लड़की के चाचा को नारियल, नीम और आम के पत्तों से झोपड़ी बनानी होती है, इसमें लड़की को हल्दी के पानी से स्नान कराया जाता है. लड़की को मासिक धर्म के दौरान इसी झोपड़ी में रहना होता है, इस दौरान उसे स्वादिष्ट व्यंजन तक परोसे जाते हैं. 

राजा प्रभा

ओडिशा में पीरियड्स के शुरू होने पर तीन दिन का आयोजन होता है, जिसे राजा प्रभा कहा जाता है. इन दिनों में लड़कियां किसी काम काज में हिस्सा नहीं लेतीं, उन्हें नए कपड़े पहनाए जाते है.चौथे दिन लड़कियों को स्नान करा होता है. 

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