Government Alerted On Exodus Reports Of Meitei Community From Mizoram, Assures Security – मिजोरम से मैतेई समुदाय के पलायन की खबरों पर सतर्क हुई सरकार, सुरक्षा का आश्वासन दिया



hf6vqg8g mizoram airport meiteis Government Alerted On Exodus Reports Of Meitei Community From Mizoram, Assures Security - मिजोरम से मैतेई समुदाय के पलायन की खबरों पर सतर्क हुई सरकार, सुरक्षा का आश्वासन दिया

मिजोरम में एक पूर्व उग्रवादी संगठन की “सलाह” के कारण मैतेई समुदाय के लोग पलायन की तैयारी करने लगे. इस पर सरकार का मैतेई समुदाय को सुरक्षा देने का संकल्प सामने आया. यह सलाह मणिपुर में भीड़ द्वारा दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना का एक वीडियो वायरल होने के बाद बढ़े तनाव के जवाब में थी.

एक आधिकारिक बयान मुताबिक, राज्य के गृह आयुक्त एवं सचिव एच लालेंगमाविया ने मैतेई समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मिजोरम में लगभग 1,500 मैतेई परिवार रहते हैं और वे राज्य में कई स्थानों पर काम करते हैं. मैतेई लोगों के परिवहन के विभिन्न साधनों का इस्तेमाल करके प्रदेश की राजधानी आइजोल छोड़ने की कई रिपोर्टें आई हैं.

प्रभावशाली सिविल सोसायटी ग्रुप सेंट्रल यंग मिज़ो एसोसिएशन (CYMA) ने भी मैतेई लोगों को शांति से रहने के लिए प्रोत्साहित किया है. मिजो छात्र संघ (MZU) ने राज्य सरकार के साथ चर्चा के बाद मिजोरम में मैतेई के बारे में डेटा एकत्र करने के अपने प्रस्तावित अभियान को रोकने का फैसला किया है.

मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं के यौन उत्पीड़न की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मिजोरम में आक्रोश फैल गया. इससे मिजोरम में रहने वाले मैतेई के छोटे समुदाय में दहशत फैल गई.

मणिपुर सरकार ने हालात बिगड़ने पर चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए उन्हें राज्य से निकालने की इच्छा जताई है. हालांकि अभी तक मैतेई समुदाय पर किसी हमले की सूचना नहीं मिली है.

मिजोरम के मिजो लोगों के मणिपुर के कुकी-जोमिस के साथ गहरे जातीय संबंध हैं. तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद मणिपुर से भागे 12,000 से अधिक कुकी-ज़ोमी लोगों को उन्होंने आश्रय दिया है और उनकी देखभाल कर रहे हैं.

पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (PAMRA) ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया, जिसमें सुझाव दिया गया कि मैतेई को अपनी “अपनी सुरक्षा” के लिए मिजोरम छोड़ देना चाहिए.

संगठन पीएएमआरए ने पड़ोसी राज्य में दो महिलाओं से जुड़ी घटना पर “मिजो युवाओं के बीच गुस्से” को इसका कारण बताया. उन्होंने कहा कि मिजोरम में मैतेई लोगों के खिलाफ किसी भी संभावित हिंसा की जिम्मेदारी पूरी तरह से उनकी होगी.

पीएएमआरए के अनुसार, “मिजोरम में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है और मणिपुर के मैतेई लोगों के लिए मिजोरम में रहना अब सुरक्षित नहीं है…” उन्होंने सुरक्षा उपाय के तौर पर मिजोरम के सभी मैतेई लोगों से अपने गृह राज्य लौटने की अपील की.

मणिपुर में जातीय झड़पों के चलते कम से कम 125 लोगों की मौत हो गई है और तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से 40,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़कर भाग गए हैं. आर्थिक लाभ और जनजातियों को आवंटित कोटा को लेकर विवाद के कारण कुकी आदिवासी समूह और गैर-आदिवासी जातीय बहुसंख्यक मैतेई के बीच संघर्ष की घटनाएं हुई हैं.

हालांकि शुरुआत में केंद्र सरकार ने 32 लाख लोगों वाले राज्य में हजारों अर्धसैनिक बल के जवानों और सेना की टुकड़ियों को तैनात करके हिंसा को रोक दिया गया था, लेकिन इसके तुरंत बाद छिटपुट हिंसा फिर से शुरू हो गई. उसके बाद से ही राज्य में तनाव बना हुआ है.

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