Ground Report : मंडी की कीमतों ने ली ऐसी करवट कि खरीदी केंद्रों पर मातम! कतरा रहे किसान, जानें क्या है कारण?


Agency:News18 Madhya Pradesh

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Khandwa News : खंडवा में 74 समर्थन मूल्य केंद्रों पर छह दिन में केवल 55 पंजीयन हुए, क्योंकि मंडी में गेहूं 800 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक बिक रहा है. किसान सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्वि…और पढ़ें

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गेहूं

गेहूं की खरीदी करते हुए व्यापारी 

हाइलाइट्स

  • खंडवा में 74 केंद्रों पर 6 दिन में केवल 55 पंजीयन हुए.
  • मंडी में गेहूं समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बिक रहा है.
  • सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रु. प्रति क्विंटल तय किया है.

खंडवा. खंडवा में 74 समर्थन मूल्य केंद्रों पर छह दिन में केवल 55 पंजीयन हुए हैं. इसके पीछे किसानों की रुचि का न होना बड़ा कारण बनकर सामने आ रहा है. समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू होने से पहले ही कृषि उपज मंडी में गेहूं 800 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक दाम पर बिक रहा है. इसके कारण किसान पंजीयन कराने के लिए केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं.

गेहूं की उच्चतम कीमत 3400 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंची, जबकि न्यूनतम मूल्य 2200 रुपये प्रति क्विंटल था. इस तरह के दामों से किसान सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल को कम मान रहे हैं, जिससे वे मंडी में अपनी उपज बेचने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

सरकार द्वारा घोषित गेहूं के समर्थन मूल्य में वृद्धि
भारत सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है, जो पिछले वर्ष से 150 रुपये अधिक है. इस मूल्य में वृद्धि के बावजूद, मंडी में मिल रहे उच्च दामों के कारण किसान केंद्रों पर पंजीयन कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार को हर वर्ष लगभग 400 लाख टन खाद्यान्न की आवश्यकता होती है, जिसमें धान और गेहूं प्रमुख हैं. सरकार ने रबी मौसम में गेहूं का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है.

व्यापारियों के अनुसार, गेहूं की कीमतों में वृद्धि का कारण ऑफ सीजन है. किसान अपने पास के स्टॉक को बाजार में नहीं भेज रहे हैं और अगली कटाई से पहले उसे खाली नहीं करना चाहते हैं.

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