Groundnut cultivation change the fortunes of Etawah farmers earning good money at low cost


इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के किसान मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं और इससे मुनाफा भी कमा रहे हैं. मूंगफली से पहले इटावा के किसान उड़द और मूंग की खेती करते थे. लेकिन, अब किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए दोनों फसलों को तिलांजलि देकर मूंगफली की खेती करना शुरू कर दिया है. बता दें कि इटावा जनपद में 8 विकासखंड है. इनमें से चकरनगर विकासखंड को छोड़कर बसरेहर, बढपुरा, महेवा, सैफई और जसवंतनगर के किसान बड़े पैमाने पर मूंगफली की खेती कर रहे हैं.

मूंगफली की खेती के लिए दोमट मिट्‌टी है उपयुक्त 

कृषि विभाग के उपनिदेशक आरएन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि मूंगफली की खेती खरीफ और जायद की फसलों के दौरान की जाती है. खरीफ मौसम में मात्र 200 हेक्टेयर में मूंगफली की खेती होती है. लेकिन, जायद में मूंगफली की खेती करीब 12,500 हेक्टेयर में की जाती है. एक क्विंटल मूंगफली की पैदावार होने पर किसान को करीब 7 हजार की आय होती है. वहीं किसानों का मानना है कि मूंगफली की खेती में बहुत अधिक खर्च नहीं है. इससे किसानों को अधिक मुनाफा हो जाता है. उपनिदेशक आरएन सिंह ने बताया कि मूंगफली की खेती के लिए दोमट मिट्‌टी उपयुक्त है. इस मिट्‌टी में पैदवार अधिक होती है.

अधिक मुनाफा देने वाली फसल है मूंगफली

इटावा कृषि विभाग के उपनिदेशक आरएन सिंह ने लोकल 18 को बताया कि कानपुर मंडल के तीन जिले  फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा में मूंगफली की खेती होती है. खासकर इटावा में मूंगफली की खेती अधिक होती है. इससे किसानों कर आय बढ़ रही है. वे किसान जो पहले उड़द और मूंग जैसे दलहनी फसल की खेती करते थे, अब मूंगफली की खेती करने लगे हैं. मूंगफली की खेती में किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. सरकार भी मूंगफली की खेती को बढ़ावा दे रही है और बीज भी उपलब्ध कराती है.

Tags: Agriculture, Etawah news, Local18, UP news



Source link

x