गुजरात के राजकोट में 4.5 और करीमगंज में 4.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके किए गए महसूस
राजकोट/करीमगंज:
गुजरात (Gujarat Tremors) और असम (Assam Tremors) में आज (गुरुवार) सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. हिमाचल प्रदेश में भी भूकंप आने की खबरें हैं. रिक्टर स्केल पर गुजरात के राजकोट में भूकंप की तीव्रता 4.5 और असम के करीमगंज में 4.1 मापी गई. बताया जा रहा है कि राजकोट में भूकंप आज सुबह 7:40 बजे आया था. असम के करीमगंज में गुजरात के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए. करीमगंज में सुबह 7:57 बजे भूकंप आया था. भूकंप के चलते लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए. फिलहाल गुजरात, असम और हिमाचल प्रदेश में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.
बता दें कि इससे पहले गुजरात और मिजोरम में 5 जुलाई को मध्यम तीव्रता के भूकंप के झटके दो बार महसूस किए गए थे. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने यह जानकारी दी थी. गांधीनगर के भारतीय भूगर्भ विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आईएसआर) के अधिकारी ने कहा कि गुजरात के कच्छ जिले में रविवार शाम 5:11 मिनट पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र भचाऊ से करीब 14 किलोमीटर दूर था.
अधिकारी ने बताया कि उससे पहले दोपहर को 1:50 मिनट से लेकर 4:32 मिनट तक 1.8, 1.6, 1.7 और 2.1 तीव्रता के चार हल्के झटके महसूस किए गए थे. आईएसआर गुजरात सरकार के तहत आने वाला संस्थान है. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले एनसीएस ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 3.9 थी. इसी क्षेत्र में 14 जून को 5.3 तीव्रता का भूकंप आया था जिसे पूरे सौराष्ट्र क्षेत्र में महसूस किया गया था और लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे.
मिजोरम के चम्पाई जिले में दूसरा भूकंप शाम 5:26 मिनट पर आया था, जिसकी तीव्रता 4.6 थी. अधिकारियों ने बताया कि यह तीन सप्ताह से कम समय में पूर्वोत्तर राज्य में आया सातवां भूकंप था. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के अनुसार भूकंप शाम करीब 5:26 मिनट पर आया और इसका केंद्र चम्पाई से 25 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में जमीन से 77 किलोमीटर नीचे स्थित था. भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित चम्पाई जिले में पिछले तीन दिन में आया यह दूसरा भूकंप है और 18 जून के बाद से आया सातवां है.
गौरतलब है कि गुजरात का कच्छ जिला भूकंपीय क्षेत्र के बहुत उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में आता है और वहां नियमित तौर कम तीव्रता के झटके आते रहे हैं. 2001 में आया भूकंप पिछले दो सदियो में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे ज्यादा विनाशकारी भूकंप था.