Gupt Navratri 2023: इस दिन से शुरू होगी 'शैलपुत्री' की पूजा, जानें क्या है 10 महाविद्याओं का रहस्य
अमित सिंह/ प्रयागराज. सनातन धर्म में नवरात्रि का त्योहार अत्यंत पावन और पवित्र माना जाता है. आमतौर पर इसे साल में दो बार यह मनाया जाता है. इस उत्सव में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की भव्य पूजा की जाती है. लेकिन खास बात यह है कि हिंदू शास्त्र के अनुसार ही चार प्रकार के नवरात्र का उल्लेख है. इनमें शरद नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि, माघ नवरात्रि और आषाढ़ नवरात्रि. शरद और चैत्र लोगों में ज्यादा ख्याति प्राप्त है, लेकिन माघ और आषाढ़ नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि माना जाता है. आषाढ़ माह में चल रहे दिनों में ही गुप्त नवरात्रि मानी जाती है.
प्रयागराज के आचार लक्ष्मीकांत शास्त्री के अनुसार आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है .वर्ष 2023 में यह 19 जून से प्रारंभ होगा और 28 तक इसकी समाप्ति होगी. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा , कुष्मांडा , स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
9 दिनों तक मां दुर्गा की कठिन भक्ति
आचार्य ने आगे बताया कि गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की विशेष उपासना की जाती है. तंत्र मंत्र विद्या सीखने वाले साधक गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों तक मां दुर्गा की कठिन भक्ति और तपस्या करते हैं. भक्ति से प्रसन्न होकर मां अपने भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करतीं हैं. इस क्रम में साधक को दुर्लभ और अतुल शक्ति की प्राप्ति होती है.
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