Guru Purnima 2023 Date Importance And Significanceand Bhog Recipe
Guru Purnima Bhog 2023: गुरु (Guru) के बिना हमारा जीवन (Life) कभी भी सफल नहीं हो सकता है. गुरु ना सिर्फ हमारा मार्गदर्शन करते हैं, बल्कि हमारे पीछे रीढ़ की हड्डी की तरह हमेशा खड़े रहते हैं. गुरु के इसी महत्व (Importance Of Guru) को बताने के लिए हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा (Purnima) तिथि को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है, जो इस बार 3 जुलाई को मनाई जाएगी. ऐसे में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का महत्व क्या है, इस दिन क्या करना चाहिए और भोग (Bhog) में क्या बनाना चाहिए आइए हम आपको बताते हैं.
Table of Contents
गुरु पूर्णिमा का महत्व और इतिहास (Importance And History Of Guru Purnima)
यह भी पढ़ें
हिंदू धर्म के अनुसार, महर्षि वेदव्यास को भगवान विष्णु का रूप कहा जाता है. इस दिन पूरे मन से महर्षि वेदव्यास की पूजा पाठ करने से पित्र दोष और गुरु दोष दूर हो जाते हैं. मान्यताओं के अनुसार, वेदव्यास ने महाभारत समेत चारों वेदों, 18 महापुराण, ब्रह्म सूत्र की रचना की थी, ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन आप उनकी विशेष पूजा अर्चना करने के लिए यह भोग बना सकते हैं-
Shravan Maas 2023: कब से शुरू हो रहा है सावन, इस पूरे महीने सात्विक भोजन का क्या है महत्व
बूंदी के लड्डू का भोग महर्षि वेदव्यास को चढ़ाएं
सामग्री
- 2 कप बेसन
- 1 कप पानी
- एक चुटकी ऑरेंज फूड कलर
- 2 कप चीनी
- 1 कप पानी
- 1/4 चम्मच इलायची पाउडर
- 2 बड़े चम्मच घी
- 2-3 चम्मच कटे हुए बादाम और पिस्ता
बूंदी के लड्डू बनाने की विधि
- बूंदी के लड्डू बनाने के लिए एक मिक्सिंग बाउल में बेसन और पानी मिलाकर एक पतला और चिकना घोल बना लें. चाहें तो बैटर में एक चुटकी ऑरेंज फूड कलर डालकर अच्छी तरह मिला लें.
- एक कढ़ाई में घी डालकर इसे गैस पर गर्म होने के लिए रखें.
- गर्म घी के ऊपर एक करछुल या झारा रखें. कलछी पर बैटर डालें और इसे छेदों पर धीरे से फैलाएं. इससे छोटी गोल बूंदी बन जाएगी.
- बूंदी को सुनहरा और कुरकुरा होने तक तले और इन्हें चीनी की चाशनी में डालें. इसे तब तक भीगने दें जब तक सारी बूंदी में चाशनी ना समा जाए.
- अब अपनी हथेलियों को घी से चिकना करें और बूंदी मिश्रण का एक छोटा सा हिस्सा लें, फिर हल्के से दबाकर और घुमा कर गोल लड्डू का आकार दें और इसी तरह से सारे लड्डू बना लें.
- लड्डुओं को कटे हुए बादाम और पिस्ता से सजाएं और गुरु पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास को चढ़ाने के साथ ही अपने गुरु को दें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)