Gyanvapi Mosque Worship Started In Gyanvapi Campus After 31 Years Many People Reached – Gyanvapi Mosque: व्यास जी के तहखाने में 30 साल बाद रातों रात हुई पूजा, बैरिकेड भी हटाए गए

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Gyanvapi Mosque Worship Started In Gyanvapi Campus After 31 Years Many People Reached - Gyanvapi Mosque: व्यास जी के तहखाने में 30 साल बाद रातों रात हुई पूजा, बैरिकेड भी हटाए गए

वाराणसी:

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी के तहखाने में आखिरकार 30 साल बाद पूजा-अर्चना शुरू हो गई. आज (1 फरवरी) सुबह काफी लोग पूजा करने के लिए तहखाने में पहुंचे हैं. ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi) के व्यास तहखाने में पूजा की गई. डीएम ने कहा कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया गया है.बता दें कि वाराणसी की जिला अदालत के फैसले के बाद रातों-रात तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई और पूजा के लिए लोग जुटने लगे. दरअसल कोर्ट ने बुधवार (31 जनवरी) को हिंदू पक्ष को बड़ी राहत देते हुए परिसर में मौजूद तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का निर्णय सुनाया था. 

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व्यास जी के नाती को मिला ज्ञानवापी में पूजा का अधिकार

 मुस्लिम पक्ष ने इस आदेश को अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया.

उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में जिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वादी शैलेन्द्र व्यास तथा काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा तय किये गए पुजारी से व्यास जी के तहखाने में स्थित मूर्तियों की पूजा और राग-भोग कराए जाने की व्यवस्था सात दिन के भीतर कराएं.  यादव ने बताया कि पूजा कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा. ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के समक्ष विराजमान नंदी महाराज के सामने लगी बैरीकेडिंग को हटाकर रास्ता खोला जाएगा. उन्होंने बताया कि साल 1993 में तत्कालीन सपा सरकार के दौरान बैरिकेडिंग कर पूजा-पाठ बंद करा दिया गया था. 

पूजा के लिए तहखाने से हटाए गए बैरिकेड्स

अदालत के आदेश के बाद अब मस्जिद के तहखाने में प्रवेश पर रोक के लिए लगाए गए बैरिकेड्स को हटा दिया गया. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने तहखाने को एएसआई के सर्वेक्षण के दौरान सील करने का आदेश दिया था. ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने एएनआई से कहा कि, ”1993 में वहां पूजा-पाठ होती थी. मुलायम सिंह की तत्कालीन सरकार ने बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के उसको लोहे की पट्टिका से घिरवाकर वहां पूजा बंद करा दी थी.  इसमें एक मुकदमा दायर किया गया उसमें दो रिलीफ मांगे गए. पहला रिलीफ मांगा गया कि व्यासजी के तहखाने के दरवाजे खिड़की टूटे हैं, जर्जर हैं और उस पर बलात कब्जा रोका जाए. जिला अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए.” अब 30 साल बाद पूजा फिर से शुरू हो गई है. 

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