Gyanvapi: Worship At Vyas Ji Ka Tehkhana, Exclusive Image – ज्ञानवापी: व्यास जी के तहखाने की Exclusive तस्वीर आई सामने, 30 साल बाद यहां रातों रात हुई पूजा

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Gyanvapi: Worship At Vyas Ji Ka Tehkhana, Exclusive Image - ज्ञानवापी: व्यास जी के तहखाने की Exclusive तस्वीर आई सामने, 30 साल बाद यहां रातों रात हुई पूजा

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी के तहखाने में मिले पूजा (Gyanvapi Puja In Vyasji Basment) के अधिकार के बाद तहखाने की एक एक्सक्लूसिव तस्वीर सामने आई है. दरअसल 1993 के बाद पहली बार यानी कि 30 साल बाद यहां पूजा की गई है. बुधवार को वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को बड़ी राहत देते हुए परिसर में मौजूद तहखाने में हिंदुओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने का निर्णय सुनाया था. जिसके बाद बुधवार रात यानी कि 31 जनवरी को ही वहां श्रद्धालु पहुंच गए और रात में ही पूजा की गई.

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बता दें कि पूजा से पहले वहां लगे बैरिकेडिंग हटा दी गई और पूजा के लिए लोग जुटने लगे. सामने आई तस्वीर में श्रद्धालुओं की भीड़ तहखाने में पूजा -अर्चना करती दिखाई दे रही है. वहीं सुरक्षा व्यवस्था भी वहां चाक-चौबंद दिखाई दे रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस के दो जवान स्थिति पर नजर रखते देखे जा सकते हैं. 

मुस्लिम पक्ष पूजा के अधिकार वाले आदेश को देगा चुनौती

वाराणसी जिला अदालत के पूजा का अधिकार देने वाले आदेश को मुस्लिम पक्ष ने अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया.

30 साल बाद व्यासजी के तहखाने में फिर हुई पूजा

ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने एएनआई को बताया कि, ”1993 में ज्ञानवापी में व्यासजी के तहखाने में पूजा-पाठ होती थी. मुलायम सिंह यादव की तत्कालीन सरकार ने बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के उसको लोहे की पट्टिका से घिरवाकर वहां पूजा बंद करा दी थी. इसमें एक मुकदमा दायर किया गया उसमें दो रिलीफ मांगे गए. पहला रिलीफ मांगा गया कि व्यासजी के तहखाने के दरवाजे खिड़की टूटे हैं, जर्जर हैं और उस पर कब्जा रोका जाए. जिला अधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया जाए.” अब 30 साल बाद फिर से तहखाने में पूजा शुरू हो गई. बैरिकेडिंग खुलते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां पहुंच गए. 

“शिव भक्तों को न्याय मिला”

इस बीच, आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ”इस फैसले से मायूसी जरूर है लेकिन अभी ऊपरी अदालतों का रास्ता खुला है. जाहिर है कि हमारे वकील इसे चुनौती देंगे.”उन्होंने कहा, ”ज्ञानवापी का मामला अयोध्या के मसले से अलग था. लंबा रास्ता तय करना है, हमें उम्मीद है कि इसे ऊपर की अदालत में चुनौती दी जाएगी.” वहीं यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अदालत के इस आदेश का स्वागत करते हुए ‘एक्स’ पर कहा, ‘शिव भक्तों को न्याय मिला. 

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