राजनीतिक दलों के निशाने पर हैं Hatharas के डीएम, जानिए आखिर कौन हैं IAS प्रवीन कुमार
यूपी के हाथरस में हुई लड़की के साथ दरिंदगी के मामले में जिला प्रशासन के कई अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है। वहीं इस घटना के बाद से हाथरस के डीएम IAS प्रवीन कुमार लक्षकार पर भी निशाना साधा जा रहा है। तमाम राजनीतिक दल हाथरस के जिलाधिकारी पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। आइए जानते हैं विवादों में चल रहे हाथरस के डीएम प्रवीन कुमार लक्षकर से जुड़ी कुछ बातें:
Hathras DM Praveen Kumar Laxkar:
प्रवीन कुमार लक्षकार का जन्म राजस्थान के जयपुर में 1 जुलाई 1982 को हुआ था। प्रवीन कुमार 2012 बैच के आईएएस अफसर हैं। आईएएस की तैयारी करने से पहले प्रवीन कुमार ने इतिहास में एमए औऱ बीएड भी किया था।
प्रवीन कुमार की सबसे पहली पोस्टिंग सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली में हुई थी। रायबरेली में करीब सवा साल रहने के बाद प्रवीन कुमार का तबादला अलीगढ़ गहो गया। यहां पर वह करीब 2 साल रहे। अलीगढ़ के बाद उनका तबादला बतौर मुख्य विकास अधिकारी ललितपुर हुआ। यहां से वह लखनऊ चले गए और पंचायती राज विभाग का कार्यभार देखने लगे।
साल 2019 में उनकी नियुक्ति बतौर जिलाधिकारी हाथरस में हुई। यहां पर उनके खिलाफ मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक में आक्रोश दिख रहा है।
डीएम प्रवीन कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह पीड़िता के पिता से कह रहे थे- पीड़िता के पिता से कह रहे हैं कि आप अपनी विश्वसनीयता खत्म मत करो। ये मीडिया वाले मैं आपको बता दूं, आधे आज चले गए और आधे कल चले जाएंगे। हम आपके साथ खड़े हैं, आपकी इच्छा है कि आपको बार बार बयान बदलना है कि नहीं बदलना है। अभी हम भी बदल जाएं
हाथरस पीड़िता की भाभी ने आरोप लगाया था कि डीएम ने उनके ससुर (पीड़िता के पिता) से कहा है कि अगर तुम्हारी बेटी अभी कोरोना से मर जाती तो क्या तुमको मुआवजा मिल पाता?
हाथरस के डीएम पर लग रहे ऐसे आरोपों के बाद उनके निलंबन की मांग तेज होती दिख रही है। विपक्षी दलों द्वारा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर डीएम को बचाने के आरोप लग रहे हैं।
बता दें कि पीड़िता का शव पुलिस द्वारा देर रात में जला दिया गया था। घर वालों का कहना था कि उन्हें अपनी अपनी बेटी को आखिरी बार देखने भी नहीं दिया गया।