Himachal Pradesh: धर्मशाला जाएं तो ये वॉटरफॉल देखना न भूलें, खूबसूरती ऐसी कि वापस जाने का दिल नहीं करेगा


Kangra: हिमाचल प्रदेश की गोद में ऐसी कई अद्भुत, खूबसूरत और अनसुनी जगहें हैं जहां भारतीय सैलानी घूमने के बाद जन्नत जैसा अनुभव करते हैं. ऐसी ही एक जगह है हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित भागसूनाग मंदिर. ये मंदिर काफी फेमस है और यहां आपको भागसूनाग वाटरफॉल भी देखने को मिलेगा. इस जगह साल भर सैलानी आते रहते हैं. फिर भी कई लोग इस जगह के महत्व के बारे में नहीं जानते. आज बात करते हैं इस जगह की खासियत के बारे में और पता करते हैं तरीके जिनके माध्यम से यहां तक पहुंचा जा सकता है.

एक दूरबीन भी है यहां 
भागसूनाग मंदिर जाने के बाद कुछ आगे की तरफ बढ़ने पर ये  वॉटरफॉल दिखाई दे जाता है. मैक्लोडगंज, भागसूनाग, धर्मकोट आने वाले पर्यटकों में से शायद ही कोई ऐसा पर्यटक हो जाे वॉटरफॉल की तरफ न जाए. यहां पर दूरबीन भी है जहां कुछ पैसे देकर प्राकृतिक नजारों को नजदीक से देखा जा सकता है. भागसूनाग मंदिर से लेकर वॉटरफॉल तक आने-जाने के लिए कई रास्ते हैं जिनका इस्तेमाल पर्यटक वहां तक पहुंचने के लिए करते हैं.  कुछ पर्यटक नीचे उतर जाते हैं और मैक्लोडगंज के मौसम व प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद लेते हैं.

यहां जैसा सुकून कहीं और नहीं 
चंडीगढ़ से भागसूनाग वॉटरफॉल घूमने आए सुरजीत सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि वे अपने परिवार के साथ यहां आते रहते हैं. उन्होंने बताया कि यहां उन्हें प्रकृति से जुड़ा हुआ महसूस होता है और वे जब भी यहां आते हैं तो बहुत ज्यादा सुकून महसूस करते हैं. यहां की खूबसूरती इतनी बेजोड़ है और यहां इतना सुकून है कि जब भी उन्हें भागदौड़ भरी जिंदगी से थोड़ा आराम चाहिए होता है तो वे यहां आते हैं.

ऐसे पहुंच सकते हैं यहां तक
पर्यटक रेल मार्ग से कांगड़ा तक पहुंच कर वहां से बस ले सकते हैं. बस धर्मशाला तक पहुंचाएगी और धर्मशाला से मैक्लोडगंज के लिए मुद्रिका बस हैं जो मैक्लोडगंज तक पहुंचाएंगी. मैक्लोडगंज से भागसूनाग के लिए ऑटो मिल जाएगा, वहां से वॉटरफाल तक जा सकते हैं. इसी तरह से अगर हवाई मार्ग से आ रहे हैं तो गगल से टैक्सी होटल छोड़ेगी और वहां से भागसूनाग पार्किंग में पहुंचकर आगे पद यात्रा कर सकते हैं. मैक्लोडगंज चौक से एक रास्ता दलाईलामा टेंपल, एक डल झील, एक चर्च की तरफ और एक पर्वतारोहण संस्थान व एक रास्ता भागसूनाग को जाता है. इस रास्ते का प्रयोग भी पर्यटक कर सकते हैं.

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