Hindi Poetry: कैलाश गौतम की कविताओं में देखें भारत के बदलते गाँव की तस्वीर



Kailash Gautam Poetry Hindi Poetry: कैलाश गौतम की कविताओं में देखें भारत के बदलते गाँव की तस्वीर

कैलाश गौतम की कविताएं हालात पर चोट करती हैं. भारत जो कभी गाँवों का देश हुआ करता था, आज गाँव शहरों में तब्दील हो रहे हैं. वहां के खुशहाल वातावरण में तनाव तेजी से पसर रहा है. लोग अवसाद में जी रहे हैं. राजनीति पूरी तरह से हावी हो चुकी है. अब गाँवों की फिजा तेजी से बदल रही है. हवा जहरीली हो रही है. लोगों में आपस में वैर-भाव पनप रहा है. बदलते गाँव का कैलाश गौतम ने अपनी कविता- ‘गाँव गया था, गाँव से भागा’ का बड़ा ही सजीव वर्णन किया है. प्रस्तुत है उनकी यह कविता-

गाँव गया था
गाँव से भागा।
रामराज का हाल देखकर
पंचायत की चाल देखकर
आँगन में दीवाल देखकर
सिर पर आती डाल देखकर
नदी का पानी लाल देखकर
और आंख में बाल देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।

गाँव गया था
गाँव से भागा।
सरकारी स्कीम देखकर
बालू में से क्रीम देखकर
देह बनाती टीम देखकर
हवा में उड़ता भीम देखकर
सौ-सौ नीम हकीम देखकर
गिरवी राम-रहीम देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।

जला हुआ खलिहान देखकर

गाँव गया था
गाँव से भागा।
जला हुआ खलिहान देखकर
नेता का दालान देखकर
मुस्काता शैतान देखकर
घिघियाता इंसान देखकर
कहीं नहीं ईमान देखकर
बोझ हुआ मेहमान देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।

गाँव गया था
गाँव से भागा।
नए धनी का रंग देखकर
रंग हुआ बदरंग देखकर
बातचीत का ढंग देखकर
कुएँ-कुएँ में भंग देखकर
झूठी शान उमंग देखकर
पुलिस चोर के संग देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।

बिना टिकट बारात देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।
बिना टिकट बारात देखकर
टाट देखकर भात देखकर
वही ढाक के पात देखकर
पोखर में नवजात देखकर
पड़ी पेट पर लात देखकर
मैं अपनी औकात देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।

गाँव गया था
गाँव से भागा।
नए नए हथियार देखकर
लहू-लहू त्योहार देखकर
झूठ की जै-जैकार देखकर
सच पर पड़ती मार देखकर
भगतिन का शृंगार देखकर
गिरी व्यास की लार देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।

मुठ्ठी में कानून देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।
मुठ्ठी में कानून देखकर
किचकिच दोनों जून देखकर
सिर पर चढ़ा ज़ुनून देखकर
गंजे को नाख़ून देखकर
उज़बक अफ़लातून देखकर
पंडित का सैलून देखकर
गाँव गया था
गाँव से भागा।

हिंदी के लोकप्रिय कवि कैलाश गौतम का जन्म 8 जनवरी, 1944 में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में हुआ था. हिंदी काव्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए कैलाश गौतम को ‘यश भारती सम्मान’ और ‘ऋतुराज सम्मान’ आदि से सम्मानित किया गया.

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