Hole In The Heart – Causes Symptoms And Diagnosis | Congenital Heart Defects In Children – Symptoms


Hole In The Heart: दूध पीते-पीते नीला पड़ रहा है बच्‍चा, फूल रही है सांस, तो ये हो सकते हैं दिल में छेद होने के लक्षण, रहें सतर्क

दिल में छेद होने के लक्षण.

Atrial septal defect (ASD) – Symptoms and causes: आपने अक्सर कुछ लोगों से सुना होगा कि बच्चे के दिल में छेद है. क्या आप इसका मतलब जानते हैं. अगर दिल में छेद है तो इसका पता कैसे लगाया जा सकता है. खासतौर से तब जब बच्चा पैदा ही हुआ हो. नवजात के दिल में छेद से जुड़ी तकलीफ के बारे में विस्तार से जानिए पीडियाट्रिशियन और पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सुशील शुक्ला से, जिन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में इस बारे में विस्तार में बताया.

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सवाल- बच्चों के दिल में छेद होने का मतलब क्या होता है, उन्हें किस तरह की परेशानियां होती हैं (What Does Heart  In The Hole Mean)

जवाब- ये बीमारी जन्मजात बीमारियों में से एक है. जो फीडल ईको करते समय पता चल जाती हैं. दिल में चार तरह के चेंबर होते हैं. दो छोटे चेंबर होते हैं, जिन्हें रिसीविंग चैंबर  कहते हैं और दो बड़े चेंबर होते हैं. दो लेफ्ट साइड में होते हैं और दो राइट साइड में होते हैं. दोनों के बीच में दीवार होती है. वो दीवार मसल की होती है. उसमें कोई छेद होता है तो उसे ही दिल में छेद कहा जाता है. जो रिसीविंग चेंबर होते हैं उनमें अगर छेद होता है तो उसे एएसडी (ASD) कहते हैं. दूसरा छेद होता है वीएसडी (VSD), जो होता है बड़े चैंबर के बीच में.

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सवाल– दिल में छेद होने के क्या लक्षण होते हैं? (Symptoms of hole in heart in children) 

जवाब- लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि वो छेद कितना बड़ा है. छेद अगर बड़ा होता है तो जल्दी लक्षण दिखने लगते हैं. अगर छेद छोटा है तो बच्चों के डॉक्टर बच्चों का हार्ट साउंड सुनते हैं. दो तरह के हार्ट साउंड होते हैं. उसके अलावा एक साउंड होता है जिसे कार्डियक मरमर बोलते हैं. ये मरमर अगर नहीं है तो कॉमन प्रेजेंटेशन होता है कि बच्चे को कोई लक्षण नहीं है. एक एक्स्ट्रा साउंड आ रहा है तो वो दिल में छेद होने का इशारा होता है.

जैसे आम लोगों के लिए एक्सरसाइज होती है. बच्चे के लिए दूध पीना भी एक एक्सरसाइज है. तो, अगर छेद बड़ा है तो बच्चे में धीरे धीरे हार्ट फेलियर के लक्षण आने लगते हैं. छोटे बच्चों में बड़ों की तरह लक्षण नहीं दिखते. जैसे चलने फिरने में थक जाना, सांस फूलने लगती है. लेकिन बच्चों के लक्षण अलग होते हैं. वो दूध छोड़ छोड़ के पीने लगते हैं इसे ‘सक रेस्ट सक सायकिल’ कहा जाता है. बच्चे आमतौर पर बीस से पच्चीस मिनट में दूध पी लेते हैं.

लेकिन दिल में छेद होने पर बच्चा एक बार में दूध नहीं पी पाता. जिसे फीडिंग इंटरप्शन कहते हैं. बच्चे की सांस तेज चलने लगती है और हार्ट बीट भी तेज होती है. ऐसे समय पर बच्चे की मदर या कोई और उनके सीने पर हाथ रख कर देखे तो तेज हार्ट बीट फील भी होगी. इसकी वजह से बच्चे का वजन भी नहीं बढ़ता है. छोटे चेंबर में छेद होता है तो उसके लक्षण जल्दी नहीं दिखाई देते हैं. वो आमतौर पर देर से पता चलते हैं. बीस या तीस साल की उम्र के आसपास दिल में छेद होने का पता चलता है.

(डॉ सुशील शुक्ला, पीडियाट्रिशियन और पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट)

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)



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