Holi 2025 Date: साल 2025 में कब मनाई जाएगी होली? नोट कर लें धुलेंडी की तिथि, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि


Holi 2025 Date: हिंदू धर्म में कई त्योहार हैं, जिसका लोगों को कई महीने पहले से ही बेसब्री से इंतजार होता है. दिवाली के बाद होली का त्योहार भी एक बड़ा पर्व है. इसे देश भर में लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. रंगों के त्योहार होली को दो दिन तक सेलिब्रेट किया जाता है. छोटी होली जिसे होलिका दहन कहते हैं और दूसरे दिन बड़ी होली, जिसे होली धुलेंडी (Dhulandi 2025) भी कहा जाता है. हर साल होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर होली सेलिब्रेट करते हैं. वर्ष 2024 बीतने वाला है. ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि आने वाले साल 2025 में कौन सा पर्व-त्योहार किस तारीख को पड़ने वाला है. यदि आपका भी फेवरेट पर्व है होली और जानना चाहते हैं कि कब मनाई जाएगी वर्ष 2025 में होली और क्या है होलिका दहन शुभ मुहूर्त, तो होली की सही तिथि जानें यहां.

साल 2025 में होलिका दहन कब है?
भोपाल के ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखाशास्त्री पंडित विनोद सोनी पौद्दार कहते हैं कि होलिका दहन एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो होली के एक दिन पहले मनाया जाता है. इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. वर्ष 2025 में होलिका दहन 13 मार्च दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात में 10 बजकर 45 मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक है.

साल 2025 में कब है होली? (Holi 2025 me kab hai)
पंचांग के अनुसार, होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के प्रदोष काल में होता है, जबकि रंगों की होली यानी धुलेंडी अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को मनाई जाती है. होली 2025 में मार्च महीने की 14 तारीख को मनाई जाएगी. आप 14 मार्च दिन शुक्रवार को रंगों वाली होली धूमधाम से सेलिब्रेट कर सकते हैं.

होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन में पूजा-पाठ करने से संतान की प्राप्ति होती है. घर में सुख-शांति बनी रहती है. भद्राकाल में होलिका दहन शुभ नहीं माना गया है, इसलिए भद्रा का खास ध्यान रखना चाहिए. भद्राकाल के समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन की पूजा करनी चाहिए, तभी शुभकारी होगा.

होलिका दहन पूजा विधि (Holika Dahan 2025 Puja vidhi)
होलिका दहन रात में किया जाता है. दहन से पहले माता होलिका की पूजा की जाती है. सूर्योदय के समय उठकर स्नान करना चाहिए. वस्त्र धारण करके होलिका दहन के स्थान पर जाएं. वहां जल, फूल, फल, माला, अक्षत, भोग, गन्ना आदि अर्पित करें. घी का दीपक जलाएं. होलिका के चारों तरफ कच्चा सूत लेकर पांच बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है.

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