Home Minister Amit Shah Said Govt Committed To Restore Peace In Manipur, Ensure Victims Return Home – सरकार मणिपुर में शांति बहाली, पीड़ितों की घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध : गृहमंत्री अमित शाह


सरकार मणिपुर में शांति बहाली, पीड़ितों की घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध : गृहमंत्री अमित शाह

इंफाल:

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. शाह ने जातीय हिंसा प्रभावित राज्य की अपनी यात्रा के तीसरे दिन मणिपुर में कुकी और मेइती समुदायों के शिविरों का दौरा करने के बाद यह बात कही. उन्होंने ट्वीट किया, “कांगपोकपी में एक राहत शिविर का दौरा किया और वहां कुकी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की. हम मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और उनकी अपने घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

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गृह मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने मणिपुर के कांगपोकपी में नागरिक संस्थाओं के साथ एक बैठक बुलाई थी और “वे मणिपुर में समुदायों के बीच सद्भाव बहाली में सरकार के साथ सक्रिय रूप से भाग लेने के इच्छुक हैं”. इससे पहले, उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए तेंगनोपाल जिले में मोरेह सीमावर्ती नगर में एक समीक्षा बैठक की, जहां लगभग एक महीने से छिटपुट हिंसा हो रही है. शाह ने कुकी समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल और अन्य समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक दल से भी मुलाकात की और उन्होंने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार की पहल के वास्ते पूर्ण समर्थन व्यक्त किया.

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि शाह ने म्यांमा की सीमा से लगे मोरेह शहर में सुरक्षा समीक्षा बैठक की. शाह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मोरेह में कुकी और अन्य समुदायों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की. उन्होंने मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार की पहल के लिए मजबूत समर्थन व्यक्त किया.” बाद में शाह ने इंफाल में एक राहत शिविर का दौरा किया जहां पहाड़ी जिलों से आने वाले मेइती समुदाय के लोगों ने शरण ले रखी है.

शाह ने कहा, “हमारा संकल्प मणिपुर को जल्द से जल्द एक बार फिर शांति और सद्भाव के रास्ते पर वापस लाने पर केंद्रित है.” केंद्रीय गृह मंत्री ने बाद में शाम को इंफाल में केंद्रीय और राज्य बलों के शीर्ष अधिकारियों और सेना के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक भी की. एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ कड़ी और त्वरित कार्रवाई करने तथा जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए लूटे गए हथियारों को बरामद करने का निर्देश दिया.

गृहमंत्री तीन मई को राज्य में शुरू हुई हिंसा के बाद पहली बार राज्य के चार दिवसीय दौरे पर हैं. अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में अब तक 80 लोग जान गंवा चुके हैं. मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद पहली बार जातीय हिंसा भड़क उठी थी. अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मैतेई समुदाय ने तीन मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया था. आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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