How Did Bibhav Kumar Become Arvind Kejriwals Shadow? Swati Maliwal Case Is Not The First, There Are More Controversies – अरविंद केजरीवाल की परछाई कैसे बने बिभव कुमार? स्वाति मालीवाल मामला पहला नहीं, और भी हैं विवाद
नई दिल्ली:
स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) मारपीट मामले में मुख्य आरोपी बिभव कुमार (Bibhav Kumar) लंबे समय से अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की परछाई बन कर रहे हैं. पता चला है कि 43 वर्षीय बिभव कुमार के पास दिल्ली विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा है. बिभव का अरविंद केजरीवाल से संबंध उस समय से है, जब आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का अस्तित्व भी नहीं था. यह बात साल 2005 की है. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने एक एनजीओ ‘कबीर’ (NGO Kabir) बनाई थी. इसी कबीर एनजीओ के जरिए बिभव की मुलाकात केजरीवाल और सिसोदिया से हुई. केजरीवाल, सिसोदिया और पत्रकार अभिनंदन सेखरी (Abhinandan Sekhri) ने फिर पब्लिक कॉज़ रिसर्च फाउंडेशन (Public Cause Research Foundation) की स्थापना की और यहीं की कुछ परियोजनाओं पर स्वाति मालीवाल के साथ बिभव ने काम किया. इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के समय भी बिभव कुमार अरविंद केजरीवाल के साथ थे. यही वह वक्त था, जब केजरीवाल को देश भर में पहचान मिलनी शुरू हुई थी.
बिभव का रसूख?
दिल्ली में 2015 के चुनाव में AAP की जीत के बाद, बिभव कुमार को अरिवंद केजरीवाल का निजी सचिव नियुक्त किया गया था. 2020 में जब AAP राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में लौटी तो उन्हें फिर से इसी पद पर नियुक्त किया गया. पर्दे के पीछे काम करने के लिए जाने जाने वाले बिभव कुमार का प्रभाव इतना था कि कोई भी, चाहे वह मीडियाकर्मी हो या AAP पदाधिकारी, अगर वह केजरीवाल से मिलना चाहता था तो उसे पहले बिभव के पास जाना पड़ता था. वह केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं और AAP की रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाने जाते हैं.
बिभव के विवाद
बिभव पहली बार पिछले साल तब सुर्खियों में आए, जब दिल्ली के सतर्कता निदेशालय (directorate of vigilance) ने उन्हें टाइप VI बंगला आवंटित करने पर सवाल उठाए. सतर्कता निदेशालय का कहना था कि बंगला नियमों का उल्लंघन कर दिया गया. इसके तुरंत बाद लोक निर्माण विभाग ने बंगले का आवंटन रद्द कर दिया. इस साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने उनसे दिल्ली की अब खत्म हो चुकी शराब नीति (Delhi liquor policy) में कथित अनियमितताओं के संबंध में पूछताछ की थी, जिसके कारण AAP के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी. अप्रैल में, सतर्कता विभाग ने एक लोक सेवक के काम में बाधा डालने के 2007 के एक मामले का हवाला देते हुए केजरीवाल के निजी सचिव के रूप में बिभव कुमार की सेवाओं को समाप्त कर दिया. बिभव ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Central Administrative Tribunal) का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली.
AAP ने बदला स्टैंड
दिल्ली पुलिस ने अपने रिमांड नोट में सवाल उठाया है कि 13 मई को जब स्वाति मालीवाल पर कथित हमला हुआ तो बिभव कुमार अपनी बर्खास्तगी के बावजूद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर क्यों थे? राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष मालीवाल ने बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री आवास में हमला करने का आरोप लगाया है. बिभव कुमार को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है और वर्तमान में वह पुलिस हिरासत में हैं. AAP, जिसने पहले कहा था कि बिभव कुमार ने मालीवाल के साथ दुर्व्यवहार किया था और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, अब कहा है कि उसकी सांसद मालीवाल भाजपा की साजिश का हिस्सा हैं. AAP नेता आतिशी ने कल मीडिया से यह बात कही. उन्होंने कहा, “भाजपा के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डीसीडब्ल्यू में संविदा कर्मचारियों की अवैध भर्ती के संबंध में स्वाति मालीवाल के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एक आरोप पत्र दायर किया गया है और सजा का समय आ रहा है. हमारा मानना है कि स्वाति मालीवाल को इस मामले का उपयोग करके साजिश में शामिल किया गया है.”
अरविंद केजरीवाल ने लिया पक्ष
अरविंद केजरीवाल ने आज अपने सभी नेताओं के साथ भाजपा मुख्यालय तक विरोध मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने बहुत पहले ही उन्हें रोक दिया. इससे पहले कल विरोध प्रदर्शन की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह जैसे AAP नेताओं को जेल भेजने का ”खेल खेलने” का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “वे हमारी पार्टी के पीछे पड़ें हैं और हमारे नेताओं को एक के बाद एक जेल भेज रहे हैं… आज आपने मेरे पीए (बिभव कुमार) को जेल भेज दिया है.”