How Does Ayodhyas Ram Temple Look From Space? ISRO Released Satellite Photo Of Ayodhya – अंतरिक्ष से भी इतना ही भव्य दिखता है राम मंदिर, ISRO ने जारी की अयोध्या की सैटेलाइट तस्वीर


अंतरिक्ष से भी इतना ही भव्य दिखता है राम मंदिर, ISRO ने जारी की अयोध्या की सैटेलाइट तस्वीर

22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने स्वदेशी उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष से भव्य राम मंदिर की पहली झलक दिखाई है. इसरो की ओर से जारी तस्वीर में 2.7 एकड़ में फैला राम मंदिर साफ तौर पर देखा जा सकता है. अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की ये तस्वीरें पिछले साल 16 दिसंबर को ली गई थीं.

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सैटेलाइट तस्वीरों में दशरथ महल और सरयू नदी साफ नजर आ रही है. नव पुनर्निर्मित अयोध्या रेलवे स्टेशन भी इसमें दिखाई दे रहा है.

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भारतीय रिमोट सेंसिंग सीरीज (Indian Remote Sensing series) के सैटेलाइट के जरिए राम मंदिर की ये तस्वीरें ली गई है. 

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भारत के वर्तमान में अंतरिक्ष में 50 से अधिक उपग्रह हैं. उनमें से कुछ का रिज़ॉल्यूशन एक मीटर से भी कम है. इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने प्रोसेस्ड किया है.

मंदिर के निर्माण के लिए इसरो प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया गया है. इस भव्य परियोजना में एक बड़ी चुनौती भगवान राम की मूर्ति लगाने के लिए सटीक स्थान की पहचान करना था. राम मंदिर ट्रस्ट चाहता था कि मूर्ति को 3 फीट X 6 फीट की जगह पर रखा जाए, जहां माना जाता है कि भगवान राम का जन्म हुआ था.

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक शर्मा जो राम मंदिर प्रोजेक्ट से करीब से जुड़े हुए हैं. उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, 40 फीट मलबे ने उस स्थान को ढक दिया था, जहां माना जाता है कि भगवान राम का जन्म हुआ था. इस मलबे को हटाना पड़ा और स्थान को सुरक्षित करना पड़ा ताकि नई मूर्ति ठीक उसी स्थान पर हो.

यह कहना जितना आसान था, करना उतना आसान नहीं था क्योंकि मंदिर का निर्माण विध्वंस के लगभग तीन दशक बाद शुरू हुआ था. ऐसे में इसरो ने मदद की.

सटीक स्थान की पहचान करने के लिए निर्माण फर्म लार्सन एंड टुब्रो के ठेकेदारों ने सबसे परिष्कृत डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस)-आधारित co-ordinates का उपयोग किया. जिसकी मदद से लगभग 1-3 सेंटीमीटर तक सटीक जगह की पहचान की गई. उन्होंने मंदिर के गर्भ गृह या गर्भगृह में मूर्ति की स्थापना का आधार बनाया.

बता दें प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. इससे पहले पीएम मोदी 12 जनवरी से 11 दिनों का कठिन अनुष्ठान कर रहे हैं.

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