How Has Bjp Changed Its Strategy In Rajasthan Amit Shah Vasundhara Raje Chemistry Indicate


राजस्थान में बदल गई BJP की रणनीति? अमित शाह-वसुंधरा राजे की 'केमिस्ट्री' के क्या हैं मायने?

शुक्रवार को वसुंधरा राजे को उदयपुर में अमित शाह के साथ एक मंच साझा करते हुए देखा गया (फाइल)

जयपुर:

राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections 2023) होने हैं. मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर पार्टी आलाकमान की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट संदेश नहीं आया है. लेकिन लगता है कि बीजेपी अभी वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को साथ लेकर चलने के मूड में है. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की हालिया बैठक में इसी का संकेत मिला.

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शुक्रवार को वसुंधरा राजे को उदयपुर में अमित शाह के साथ एक मंच साझा करते हुए देखा गया. इस दौरान दोनों के बीच दोस्ती देखने को मिली. राजे का इस रैली में बोलने का कार्यक्रम नहीं था. लेकिन अमित शाह ने जोर देकर उनसे रैली को संबोधित करने को कहा. शाह ने ये भी कहा कि राजे के बोलने के बाद ही वह रैली को संबोधित करेंगे.

बीजेपी ने बदली रणनीति

अभी तक बीजेपी में वसुंधरा राजे को कथित तौर पर किनारे करने की कोशिश हो रही थी, लेकिन पीएम मोदी के बाद पार्टी के सबसे शक्तिशाली नेता अमित शाह के मंच पर यह केमिस्ट्री स्पष्ट संकेत है कि बीजेपी ने राजस्थान में अपना घर व्यवस्थित कर लिया है.

राजस्थान में अब से लगभग चार महीने बाद विधानसभा के चुनाव होंगे. चुनाव के मद्देनजर साफ है कि बीजेपी वसुंधरा राजे को दरकिनार नहीं करेगी, लेकिन पार्टी एक चेहरे के नाम पर चुनाव भी नहीं लड़ेगी.

पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी बीजेपी

दरअसल, राजस्थान में बीजेपी कई चेहरों को लेकर चल रही है. मसलन सीपी जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत, वसुंधरा राजे और पूर्व अध्यक्ष सतीश पुनिया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी यहां काफी एक्टिव हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर की भी मौजूदगी है. लेकिन बीजेपी फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी. ये पार्टी के लिए सबसे बड़ा बदलाव है, क्योंकि पिछले चुनाव तक राजस्थान में बीजेपी का चेहरा वसुंधरा राजे थीं. राजे अब भी पार्टी के लिए अहम नेता हैं. वो वोट कैचर हैं, लेकिन वो पार्टी में सबसे बड़ी नेता नहीं हैं.

बीजेपी के लिए क्यों अहम हैं वसुंधरा राजे?

वसुंधरा राजे 2013 से 2018 के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. वह राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं. 2013 में बीजेपी को राजस्थान की सत्ता दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. राजस्थान में वसुंधरा राजे एक मात्र ऐसी नेता जो सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ खुलकर विरोध करती है. इसके उलट कांग्रेस के पास वसुंधरा राजे पर पलटवार करने के लिए कोई ठोस वजहें नहीं है, जिससे पूरे प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ हवा बन सके.

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