How long did it take for the accidentally fired BrahMos missile to reach Pakistan Know the specialty of this missile
दुनियाभर में कई ऐसी अजीबोगरीब घटनाएं हुई हैं, जिनकी चर्चा हमेशा होती है. इनमें से एक 2022 की वो घटना भी है, जब एक भारतीय मिसाइल गलती से पाकिस्तान में जाकर गिरी थी. आप में से अधिकांश लोगों को ये घटना याद होगी. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि उस समय भारत से पाकिस्तान तक की दूरी ये मिसाइल कितनी देर में पूरी की थी. आज हम आपको आपको इसका जवाब देंगे.
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क्या था मामला?
बता दें कि साल 2022 में 9 मार्च के दिन भारत ने गलती से हरियाणा के अंबाला से ब्रह्मोस मिसाइल फायर की थी. जो गलती से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चन्नू, खानेवाल जिला में जाकर गिरी थी.. बता दें कि यह पाकिस्तान के एयर स्पेस के 100 किलोमीटर अंदर करीब 40000 फीट की उंचाई से जाकर गिरा था. हालांकि गनीमत यह था कि इस मिसाइल में कोई हथियार-सामाग्री नहीं लगी थी और इसलिए कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था. उस दौरान पाकिस्तान ने इस घटना पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. इतना ही नहीं इस्लामाबाद में भारत के कार्यकारी राजदूत को बुलाकर कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए इसकी जांच की मांग की थी.
जांच में क्या आया सामने?
अब सवाल ये है कि कोई मिसाइल कैसे गलती से फायर होकर पाकिस्तान में जाकर गिरेगी? बता दें कि इस घटना को लेकर भारतीय वायुसेना ने अपने जवाब में बताया था कि ब्रह्मोस मिसाइल के लड़ाकू कनेक्टर इसके ‘जंक्शन बॉक्स’ से जुड़े रह गये थे और इसलिए गलती से ब्रह्मोस मिसाइल फायर हो गई थी.
किस रफ्तार से गई मिसाइल
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर मिसाइल की रफ्तार क्या थी, जिस कारण उसे हवा में रोका नहीं जा सका? पीएएफ के एयर वाइस मार्शल तारिक जिया के मुताबिक मिसाइल ने तीन मिनट और 44 सेकंड में पाकिस्तानी क्षेत्र में 124 किलोमीटर की दूरी तय की थी. आसान भाषा में पंजाब के अंबाला से ब्रह्मोस मिसाइल को पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में पहुंचने में तीन मिनट 44 सेकंड लगा था. बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब में खानेवाल जिले के मियां चन्नू के पास जब मिसाइल गिरी थी, तब किसी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचा था. हालांकि इस दौरान नागरिक संपत्ति को नुकसान जरूर पहुंचा था.
ब्रह्मोस मिसाइल की खास बात?
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल की स्पीड ही इसको सबसे अलग बनाती है. अपनी स्पीड की वजह ब्रह्मोस मिसाइल पर हमला करना या उससे बचना अविश्वसनीय रूप से मुश्किल होता है. गौरतलब है कि जब मार्च 2022 में ब्रह्मोस मिसाइल पाकिस्तान में गिरा था, उसके बाद पाकिस्तान के फोरेंसिक विशेषज्ञों ने अन्य एक्सपर्ट के साथ मिलकर मिसाइल को डिकोड करने की कोशिश शुरू कर दी थी, ताकि पाकिस्तान को भी ब्रह्मोस मिसाइल मिल सके.
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