how many castes are there in India know what the census data says


देश में जातिगत जनगणना को लेकर बहस जारी है. केंद्रीय स्तर पर भाजपा इसका विरोध कर रही है, लेकिन सरकार ने अभी तक कुछ साफ नहीं किया है. इस बीच खबरें ये भी है कि जनगणना सितंबर से शुरू हो सकती है. हालांकि सरकार ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है. जनगणना में देरी होने के चलते सरकारी योजनाएं और नीतियां साल 2011 में हुई जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से बन रही हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि देश में कितनी जातियां हैं और किस जाति के कितने लोग हैं.

देश में हैं कितनी जातियां?

भारत की जाति व्यवस्था प्राचीन काल से अस्तित्व में है और इसमें विभिन्न जातीय समूहों की पहचान की जाती है. जातियां पारंपरिक रूप से हिंदू धर्म की जाति व्यवस्था पर आधारित हैं, जिसमें चार प्रमुख वर्ग होते हैंब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, और शूद्र. लेकिन, आधुनिक समय में जातियों की यह व्यवस्था और भी कठिन हो गई है और इसमें अनगिनत उपजातियां और जातीय समूह शामिल हैं.

भारत में जातियों की संपूर्ण संख्या का सटीक आंकड़ा मिलना कठिन है, क्योंकि जनगणना में जातियों की पहचान की प्रक्रिया और विधियां समयसमय पर बदलती रहती हैं. हालांकि भारतीय जनगणना और विभिन्न सामाजिक अध्ययन हमें कुछ जरुरी आंकड़े प्रदान करते हैं. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) की कुल संख्या 16.6% और 8.6% थी. कुल जनसंख्या के प्रतिशत के आधार पर अनुसूचित जातियों की संख्या लगभग 20 करोड़ और अनुसूचित जनजातियों की संख्या लगभग 10 करोड़ के आसपास थी.

भारत में जातियों की संख्या और विविधता बहुत ज्यादा है. विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में जातियों की संख्या अलगअलग हो सकती है. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश, बिहार, और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में जातियों और उपजातियों की संख्या बहुत ज्यादा है. भारत में कुल जातियों की संख्या की बात करें तो सरकारी और शोध संगठनों के आंकड़े बताते हैं कि देश में जातियों की कुल संख्या हजारों में हो सकती है. उदाहरण के लिए, राज्य स्तर पर जाति आधारित डेटा में हजारों जातियों और उपजातियों की पहचान की जाती है. 2011 की जनगणना के अनुसार, मार्च 2023 तक 1,270 एससी, 748 एसटी जातियां हैं.

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जनगणना में सामने आईं इतनी जातियां

केंद्र का कहना था कि जहां भारत में 1931 में हुई पहली जनगणना में देश में कुल जातियों की संख्या 4,147 थी वहीं 2011 में हुई जाति जनगणना के बाद देश में जो कुल जातियों की संख्या निकली वो 46 लाख से भी ज़्यादा थी.

2011 में की गई जातिगत जनगणना में मिले आंकड़ों में से महाराष्ट्र की मिसाल देते हुए केंद्र ने कहा कि जहां महाराष्ट्र में आधिकारिक तौर पर अधिसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी में आने वाली जातियों कि संख्या 494 थी, वहीं 2011 में हुई जातिगत जनगणना में इस राज्य में कुल जातियों की संख्या 4,28,677 पाई गई.

किस धर्म के कितने लोग?

2011 की जनगणना के अनुसार, देश में कुल 121 करोड़ आबादी है. जिसमें 79.79 फीसदी हिंदू, 14.22 फीसदी मुस्लिम, 2.29 फीसदी ईसाई, 1.72 फीसदी सिख, 0.69 फीसदी बौद्ध और 0.36 फीसदी जैन धर्म के लोग हैं.

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