How much horse power is there in a horse know what came out in the 1993 research
दुनिया में घोड़ा सबसे फुर्तीला जानवर माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक घोड़े में कितना हॉर्सपावर होता है. आज हम आपको बताएंगे कि हॉर्सपावर क्या होता है और एक घोड़े में कितना हॉर्सपावर होता है और रिसर्च इसको लेकर क्या कहता है.
हॉर्सपावर
सबसे पहले ये जानते हैं कि आखिर ये हॉर्सपावर शब्द कहां से आया है. बता दें कि स्कॉटलैंड के मशहूर वैज्ञानिक जेम्स वॉट ने भाप के इंजन का आविष्कार किया था. उस दौरान उन्होंने विज्ञान के नजरिए से एक शब्द का भी आविष्कार किया था, जिसे हॉर्सपावर कहा जाता है. इस शब्द के जरिए उन्होंने भाप के इंजनों के उत्पादन की तुलना काम करने वाले घोड़ों की शक्ति से की थी. दरअसल उनके नए डिजाइन का स्टीम इंजन कम ईंधन का इस्तेमाल करता था. इससे वो लोगों को जागरूक करना चाहते थे, जो घोड़ागाड़ी से आगे बढ़कर स्टीम इंजन का इस्तेमाल करने के लिए नहीं तैयार थे.
क्या होता है हॉर्सपावर?
अब समझते हैं कि हॉर्सपावर क्या होता है. जानकारी के मुताबिक जब जेम्स वॉट ने स्टीम इंजन और घोड़े की शक्ति की तुलना करने के लिए हॉर्सपावर का मानक तय करने के बारे में सोचा था, तो उन्होंने वजन उठाने वाले घोड़े की शक्ति जानने के लिए एक एक्सपेरिमेंट किया. उन्होंने एक घोड़े से रस्सी को बांधा और फिर पुली के जरिए दूसरी तरफ उसे वजन से बांध दिया था. उसके बाद उस घोड़े ने जब वजन को 1 सेकेंड में 1 फुट ऊपर उठा दिया, तो उससे मानक तय करने का रास्ता साफ हुआ था. उन्होंने अपनी गणना से तय किया कि 1 हॉर्सपावर 550 पाउंड वजन एक फुट ऊपर एक सेकेंड में उठाए जाने की शक्ति के बराबर है. यानी वो शक्ति जो 33,000 पाउंड वजन को 1 फुट तक 1 मिनट में उठाने में सक्षम है, उसे 1 हॉर्सपावर माना गया है. एक हॉर्सपावर को 746 वॉट के बराबर माना जाता है.
घोड़े में कितना हॉर्सपावर
साइंस फोकस वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक कई बार लोग समझते हैं कि 1 हॉर्सपावर का मतलब 1 घोड़ा या 1 घोड़े की शक्ति होती है. अगर कोई गाड़ी 100 हॉर्सपावर की है, तो उसमें 100 घोड़ों की शक्ति है. लेकिन असल में ऐसा नहीं है, वॉट के मुताबिक 1 हॉर्सपावर शक्ति की मात्रा है, जो एक घोड़ा एक विस्तारित अवधि के लिए बनाए रख सकता है. इसके हिसाब से जब आंकलन किया गया तो वॉट ने पाया कि 1 घोड़े के अंदर 14.9 हॉर्सपावर की शक्ति होती है. यह आंकड़ा दो वैज्ञानिकों द्वारा 1993 में नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक शोधपत्र से आया है.
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