how much is the speed of a bullet train less than the speed of a bullet know why it got this name


दुनियाभर में बुलेट ट्रेन को उसकी तेज रफ्तार के लिए जाना जाता है. कहीं भी जब जल्दी पहुंचना हो तो बुलेट ट्रेन से अच्छा कुछ नहीं हो सकता, लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल आया है कि आखिर इसका नाम बुलेट ट्रेन क्यों पड़ा? क्या इसका गोली की रफ्तार से कोई कनेक्शन है? यदि हां तो गोली की रफ्तार से ये कितनी तेज होती है? चलिए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं.

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बुलेट ट्रेन क्यों पड़ा नाम?

बुलेट ट्रेन कोबुलेट ट्रेनइसलिए कहा जाता है क्योंकि यह बेहद तेज गति से चलती है और इसकी बनावट कुछकुछ गोली जैसी होती है. जब यह चलती है तो लगता है मानो कोई गोली तेजी से फायर हो रही हो. इसकी तेज रफ्तार और बनावट के कारण ही इसे बुलेट ट्रेन नाम दिया गया.

बता दें पहली बार दुनिया की पहली बुलेट ट्रेन जापान की शिंकानसेन को यह नाम इसकी तेज रफ्तार और गोली जैसी आकृति के कारण मिला थाशिंकानसेन की शुरुआत 1 अक्टूबर 1964 को टोक्यो और ओसाका के बीच हुई थीजापान की तेज आर्थिक वृद्धि के चलते रेल यात्रा की मांग बढ़ने से क्षमता की कमी की समस्या को हल करने के लिए शिंकानसेन की शुरुआत की गई थी.

बुलेट ट्रेन की स्पीड और गोली की स्पीड में कितना होता है अंतर?

हालांकि बुलेट ट्रेन बहुत तेज गति से चलती है, लेकिन यह गोली की रफ्तार से बहुत कम होती है. एक सामान्य बुलेट ट्रेन की अधिकतम गति लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि एक गोली की गति हजारों किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.

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गोली की रफ्तार से क्यों कम होती है बुलेट ट्रेन की स्पीड?

ट्रेन में सैकड़ों या हजारों लोग सफर करते हैं. यदि इसे गोली की स्पीड से चलाया जाए तो इतनी स्पीड पर किसी भी तरह की दुर्घटना हो सकती है. इसलिए सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन की स्पीड को नियंत्रित रखना जरूरी होता है. इसके अलावा ट्रेन पटरियों पर चलती है. अगर पटरियां बहुत ज्यादा मजबूत नहीं होंगी तो इतनी तेज रफ्तार में ट्रेन पटरी से उतर सकती है. साथ ही अभी तक की तकनीक इतनी विकसित नहीं है कि ट्रेन को गोली की रफ्तार से चलाया जा सके. इसके इतर तनी तेज रफ्तार में यात्रा करना यात्रियों के लिए असहज हो सकता है.

बुलेट ट्रेन की बढ़ाई जा सकेगी स्पीड?

दुनियाभर के वैज्ञानिक और इंजीनियर बुलेट ट्रेन की स्पीड बढ़ाने के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं. कुछ नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है, जैसे कि मैग्लेव ट्रेन. बता दें मैग्लेव ट्रेन चुंबकीय बल के माध्यम से चलती है और यह सामान्य ट्रेन से कहीं ज्यादा तेज गति से चल सकती है.

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