How Surya Tilak will be applied on lord Rama in ayodhya the science teacher explained through the model – News18 हिंदी


दुर्गेश सिंह राजपूत, नर्मदापुरम. रामनवमी (Ram Navami 2024) के अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा को सूर्य तिलक लगाया जाएगा. यह सूर्य तिलक सूर्य से आने वाली किरणों से लगाया जाएगा. किरणें परावर्तित कर भगवान राम की प्रतिमा तक पहुंचाई जाएंगी. असल में यह तिलक श्री रामचंद्र जी को कैसे लगाया जाएगा, इसका विश्लेषण मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम की इटारसी के एक शासकीय सेवानिवृत्त विज्ञान शिक्षक ने प्रयोग कर आम लोगों को बताया कि कैसे धर्म में विज्ञान काम करेगा और भगवान श्रीराम जी का सूर्य तिलक किया जाएगा.

मॉडल के माध्यम से समझाया

इटारसी में विज्ञान के शिक्षक राजेश पाराशर ने लोगों की भगवान राम के सूर्य तिलक की जिज्ञासा को अपने मॉडल के माध्यम से समझाया. इसमें बताया गया कि कैसे श्रीराम का सूर्य तिलक किया जाएगा. यह मॉडल उन्होंने मात्र 100 रुपये की लागत से बनाया है. राजेश ने Local 18 को बताया कि देश के वैज्ञानिकों द्वारा एक यंत्र तैयार किया गया है. इस यंत्र की कार्यप्रणाली को समझाए जाने के लिए उन्होंने भी एक सरल सा यंत्र तैयार किया है, जिससे बताया जा रहा है कि सूर्य की किरणों को परावर्तित कर कैसे भगवान राम का सूर्य तिलक किया जाएगा.

स्थानीय सूर्य किरण यंत्र तैयार किया

राजेश पाराशर ने प्रयोग के यंत्रों का संचालन करते हुए भारत द्वारा जल्दी ही अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले गगनयान के रोबोट व्योममित्र को सूर्य तिलक करके भारतीय वैज्ञानिक सफलता को भी प्रयोग के माध्यम से प्रदर्शित किया. पाराशर ने बताया कि प्रकाश किरणें एक सीधी रेखा में चलते हुए किसी चेहरा देखने वाले समतल दर्पण से परावर्तित हो जाती हैं. इन दर्पणों की मदद से किरणों का मार्ग बदला जा सकता है. इसी सिद्धांत का प्रयोग करते हुए स्थानीय सूर्य किरण यंत्र तैयार किया है. चूंकि पृथ्वी लगातारसूर्य की परिक्रमा करती रहती है, इसलिए यह सूर्य तिलक लगातार स्थिर नहीं रहता. अगर इसे लगातार बनाए रखना है, तो छत पर लगे दर्पण कीदिशा लगातार बदलते रहनी होगी.

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