How To Know That Baby Has Hole In The Heart | Diagnosis Of Hole In The Heart Or Ventricular Septal Defect | Dil Me Ched Ke Liye Test
Hole In The Heart: बच्चे के जन्म के पहले ही ये जान सकते हैं कि कहीं उसके दिल में छेद तो नहीं है. मां के गर्भ में रहते हुए ही ईको कार्डियोग्राफी से इसका पता लगाया जा सकता है. इस जानकारी के बाद माता पिता क्या फैसला कर सकते हैं. गर्भवती मां क्या प्रीकॉशन ले सकती है. ऐसे तमाम सवालों के लिए एनडीटीवी ने चर्चा की पीडियाट्रिशियन और पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सुशील शुक्ला से, जिन्होंने बताया कि कैसे आप जन्म से पहले ही बच्चे से जुड़े इस विकास को जान सकते हैं.
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गर्भावस्था के दौरान जांच | Atrial septal defect (ASD) – Diagnosis and treatment
सवाल– बच्चों के दिल में छेद होने के क्या कारण होते हैं? (Hole in the Heart – Symptoms, Causes)
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जवाब- ये एक तरह की जन्मजात बीमारी है. गर्भावस्था में जब बच्चे का दिल बन रहा होता है उस वक्त कोई दिक्कत आती है तो बच्चे के दिल में छेद हो सकता है. इसकी वजह अब तक पता नहीं चल सकी है. लेकिन ये अनुवांशिक भी हो सकती है. जैसे घर में किसी को डाउन सिंड्रोम रहा हो तो बच्चे के दिल में छेद हो सकता है. फैमिली में इस तरह की हिस्ट्री रही हो तो संभावनाएं दोगुनी हो सकती हैं. कई बार फैमिली हिस्ट्री न होने पर भी ये तकलीफ हो सकती है. जिसका पता हम फीटल ईको कार्डियोग्राफी करके लगा सकते हैं. ये जांच 18 से 20 हफ्ते की प्रेगनेंसी के दौरान कर सकते हैं.
सवाल– गर्भवती महिला क्या प्रीकॉशन ले सकती है, जिससे बच्चे के दिल में छेद न हो? (Congenital Heart Disease: How to Care for Your Baby)
जवाब- कुछ दवाओं से जैसे दौरे की दवा या ज्यादा अल्कोहल लेने वाली मदर्स के बच्चों में दिल में छेद आ सकता है. लेकिन दिल में एक बार छेद आने के बाद उसका कोई प्रीकॉशन नहीं है. बच्चे के गर्भ में रहने के दौरान दिल में छेद किसी तरह से भरा नहीं जा सकता. गर्भधारण के दौरान ईको कार्डियोग्राफी से इसका पता लगाया जा सकता है. किसी प्रीकॉशन से दिल में छेद भरा नहीं जा सकता.
इको कार्डियोग्राफी से इसका पता चल जाता है. जिसके बाद फैमिली काउंसलिंग की जा सकती है. इस जानकारी के बाद प्रेगनेंसी कंटिन्यू करना है या नहीं ये परिवार का फैसला होता है. जांच का मकसद ये है कि पेरेंट्स को इस बारे में पता होना चाहिए. जानकारी के बाद ऐसे बच्चों की डिलीवरी कार्डियक सेंटर पर हो सकती है.
(डॉ सुशील शुक्ला, पीडियाट्रिशियन और पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट)
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)