How will bat blood save the lives of astronauts in space Know what is its process


दुनियाभर के वैज्ञानिकों की दिलचस्पी बीते कुछ दशकों से अंतरिक्ष को लेकर बढ़ी है. ये बात तो हम सभी लोग जानते हैं कि अंतरिक्ष की दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. इन्हीं रहस्यों को सुलझाने के लिए अलग-अलग देश के स्पेस एजेंसियां काम कर रही हैं. लेकिन क्या आप एक बात जानते हैं कि एक रिसर्च के मुताबिक स्पेस में चमगादड़ का खून अंतरिक्षयात्रियों की जान बचा सकता है. जी हां, आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. 

स्पेस की दुनिया

स्पेस को लेकर वैज्ञानिक लगातार नई-नई खोज कर रहे हैं. इतना ही नहीं हर साल स्पेस एजेंसी हजारों करोड़ रुपये स्पेस के लिए खर्च भी कर रही है. आज इंसान चांद, मंगल और उससे भी आगे जाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन हमेशा एक सवाल उठता है कि स्पेस में इंसानों का रहना कितना मुमकिन है? 

चमगादड़ का खून?

वैज्ञानिकों के मुताबिक स्पेस में चमगादड़ का खून इंसानों के लिए काफी मददगार हो सकता है. दरअसल चमगादड़ लंबे समय तक बेहद ठंडी जगहों पर रहने के लिए जाने जाते हैं. जर्मनी के ग्रिफ़्सवाल्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने खुलासा किया है कि इनके शरीर में एरिथ्रोसाइट नामक एक प्रकार की लाल रक्त कोशिका की मौजूदगी है. हालांकि एरिथ्रोसाइट्स इंसान के खून में भी मौजूद होते हैं, लेकिन वे ठंड के प्रति उसी तरह प्रतिक्रिया नहीं करते हैं, जैसे वे चमगादड़ के खून में करते हैं. इसलिए वैज्ञानिकों का दावा है कि ये स्पेस में इंसानों की जान बचा सकता है.

कैसे करेगा ये काम

शोधकर्ताओं के अपने रिसर्च में चमगादड़ों की दो प्रजातियों के एरिथ्रोसाइट्स की तुलना की है. ये ठंड के दौरान हाइबरनेट करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे तापमान गिरता है, चमगादड़ों के एरिथ्रोसाइट्स सामान्य और लचीले बने रहते हैं. हालांकि सामान्य से कम शरीर के तापमान पर ह्यूमन एरिथ्रोसाइट्स ज्यादा चिपचिपे और कम लचीले हो जाते हैं. रिसर्च के प्रमुख लेखक गेराल्ड केर्थ के मुताबिक यह एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह अभी भी दूर की कौड़ी है. अंतरिक्ष उड़ान के दौरान इंसानों को कम तापमान की स्थिति में रखने के लिए भविष्य में इससे मदद मिल सकती है. 

कितना होगा ये सफल?

वैज्ञानिक गोराल्ड ने बताया है कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह कितने वर्षों में संभव होगा. लेकिन यह एक अहम पहला कदम है. उन्होंने आगे कहा अगर वैज्ञानिक किसी दिन इस पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं, तो इससे अंतरिक्ष यात्रा को वास्तविकता बनाने में मदद मिलेगी. इसके सफल होने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को मुश्किल यात्राओं में जीवित रहने के लिए उतने संसाधनों और ऑक्सीजन की ज़रूरत नहीं होगी. इतना ही नहीं इससे वैज्ञानिकों स्पेस की दुनिया की खोज करने में और आसानी होगी.

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