How will India rivers connect with each other Know what is river linking project


भारत नहरों और नदियों से समृद्ध देश है. जो हमारे लिए पीन के जल की आपूर्ति करती हैं. हालांकि कई इलाके ऐसे भी हैं जो सूखे की चपेट में हैं. ऐसे में केंद्र सरकार इस परेशानी से निजात के लिए एक परियोजना ला रही है, जिसेरिवर इंटरलिंक्ड प्लानके नाम से जाना जा रहा है. इस परियोजना में सभी नदियों को आपस में जोड़ने पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर ये संभव कैसे होगा.

1958 में दिया गया था प्लान

भारत में नदी जोड़ो परियोजना का विचार सबसे पहले ब्रिटिश सिंचाई इंजीनियर सर आर्थर थॉमस कॉटन ने साल 1858 में दिया था, लेकिन तब से इसपर कोई काम नहीं हुआ था. जिसकी वजह राज्यों के बीच असहमति, केंद्र की दखलअंदाजी के लिए कानूनी प्रावधान का न होना था. हालांकि जुलाई 2014 में केंद्र सरकार ने नदियों को आपस में जोड़ने के लिए विशेष समिति का गठन करने की मंजूरी दे दी थी.

कैसे होगा काम?

नदियों को आपस में जोड़ने का काम बहुत मुश्किल है, लेकिन योजना के मुताबिक इसके लिए 37 नदियों के लिए 30 लिंक तैयार किए जाएंगे. जिसके जरिए आपस में नदियों को जोड़ा जाएगा. ये भारत की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है. इस प्रोजेक्ट में दो प्लान तैयार किए गए हैं. जिनमें अलग-अलग नदियों को आपस में जोड़ने के लिए प्लानिंग की गई है.

क्यों है जरूरी?

हमारे देश में सतह पर मौजूद पानी की कुल मात्रा 690 बिलियन क्यूबिक मीटर प्रतिवर्ष है. हालांकि इस पानी का सिर्फ 65 फीसदी पानी ही इस्तेमाल हो पाता है. शेष पानी बेकार बहकर समुद्र में चला जाता है, लेकिन इससे धरती और महासागरों तथा ताजे पानी और समुद्र का पारिस्थितिकीय संतुलन बना रहता है. वहीं बड़ी आबादी ऐसी भी है जो पानी के अभाव में रह जाती है. ऐसे में ये परियोजना यदि सफल हो जाती है तो उस बड़ी आबादी को आसानी से जल की आपूर्ति हो सकती है.

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