how will the train run on hydrogen know what will be different from other trains


साल 1712 में पहली बार जेम्स वाट ने भाप की ताकत का पता लगाया था और पहला भाप इंजन बनाया था. वहीं साल 1807 में ब्रिटेन के साउथ वेल्स में दुनिया की पहली सफल ट्रेन चलाई गई थी. हालांकि समय के साथ ट्रेनों में कई बदलाव होते गए. कोयला भाप, पेट्रोलियम और बिजली के बाद अब हाइड्रोजन ट्रेनों की बारी आ चुकी हैं. जी हां, भारत में पटरियों पर अब जल्द ही हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें नजर आने वाली हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर ये कैसी ट्रेनें होंगी और अबतक इनके बारे में क्याक्या पता चला है.

यह भी पढ़ें: शराब के साथ खाने वाली चीजों को चखना क्यों कहते हैं? जान लें इसका मतलब

क्या है हाइड्रोजन ट्रेन?

सबसे पहले ये जान लेते हैं कि आखिर हाइड्रोजन ट्रेन है क्या? तो बता दें कि ये ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल से चलाई जाएंगी. साथ ही इसमें कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन, और पर्टिकुलेट मैटर जैसे हानिकारक प्रदूषकों का उत्सर्जन नहीं होगा. इस हाइड्रोजन ट्रेन का डिजाइन रेलवे डिज़ाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने तैयार किया है. आरडीएसओ ने इस परियोजना पर काफी मेहनत की है और एक आधुनिक और सुरक्षित हाइड्रोजन ट्रेन का डिजाइन तैयार किया है. बता दें इस हाइड्रोजन ट्रेन का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईएफ़सी) चेन्नई में किया गया है. आईएफसी चेन्नई देश की सबसे बड़ी रेलवे कोच फैक्ट्री है और इसने कई बार अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है.

यह भी पढ़ें: स्पेस में कितने दिन का खाना लेकर चलते हैं एस्ट्रोनॉट्स? फंसने पर आता है काम

पहली तस्वीर आई सामने

आरडीएसओ ने हाल ही में इस हाइड्रोजन ट्रेन की पहली तस्वीर जारी की है. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोगों में काफी उत्साह है. यह हाइड्रोजन ट्रेन हरियाणा के जींद से सोनीपत के बीच चलाई जाएगी. इस रूट को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह एक छोटा और सपाट रूट है और यहां पर हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन स्थापित करने में आसानी होगी. फिलहाल इस ट्रेन को मार्चअप्रैल तक शुरू करने की प्लानिंग है. हालांकि, यह तारीख बदल भी सकती है. गौरतलब है कि इस हाइड्रोजन ट्रेन में कुल 8 कोच होंगे और यह 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. यह ट्रेन पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बनाई गई है.

आरडीएसओ के निदेशक उदय भोरवनकर ने इस हाइड्रोजन ट्रेन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह भारत के लिए एक गौरव का क्षण है. उन्होंने कहा कि यह ट्रेन न केवल स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देगी बल्कि देश को ऊर्जा स्वावलंबी बनाने में भी मदद करेगी.

यह भी पढ़ें: AFSPA पर मणिपुर में बवाल, जानें इस कानून से सेना के जवानों को किन चीजों की मिलती है छूट?



Source link

x