How Would You Answer IFS Officer Parveen Kaswan On Question He Was Asked In UPSC Interview – यूपीएससी इंटरव्यू में पूछे गए इस सवाल पर IFS अधिकारी ने कही ये बात, लोगों से पूछा



How Would You Answer IFS Officer Parveen Kaswan On Question He Was Asked In UPSC Interview - यूपीएससी इंटरव्यू में पूछे गए इस सवाल पर IFS अधिकारी ने कही ये बात, लोगों से पूछा

अब हाल ही में एक भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी ने एक सिविल सेवा साक्षात्कार में भाग लेने के अपने अनुभव को शेयर किया, जहाँ उनसे अंतरिक्ष मिशनों पर भारत के खर्च के बारे में पूछा गया था, जब देश गरीबी से जूझ रहा था. ट्विटर पर शेयर करते हुए IFS परवीन कस्वां (IFS Parveen Kaswan) ने अपना जवाब बताया. उन्होंने अपने फॉलोअर्स से यह भी पूछा कि वे इस पेचीदा प्रश्न का उत्तर कैसे देते. 

कासवान ने लिखा, “मेरा सिविल सेवा साक्षात्कार !! ‘तीसरे बोर्ड सदस्य: हम अंतरिक्ष मिशन पर करोड़ों खर्च कर रहे हैं और यहाँ हमारे पास इतनी गरीबी है, आप इसे कैसे देखते हैं ??'” 

आईएफएस अधिकारी ने खुलासा किया, “मैं: सर, मुझे लगता है कि दोनों चीजें प्रकृति में प्रतिस्पर्धी नहीं हैं. 1928 में डॉ. सी.वी. रमन ने समुद्र के पानी के रंग के बारे में पूछताछ करते हुए रमन स्कैटरिंग का विचार दिया था और आज रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी चिकित्सा विज्ञान सहित कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. इसमें समय लगता है लेकिन अनुसंधान फल प्रदान करता है.”

कासवान ने शुक्रवार सुबह ट्वीट शेयर किया और तब से उनकी पोस्ट पर कई प्रतिक्रियाएं आ चुकी हैं. कई यूजर्स ने अपनी बात भी शेयर की.

एक यूजर ने लिखा, “मैं भू-उपग्रहों के उदाहरणों का उपयोग करता जो मौसम के सटीक पूर्वानुमान में मदद करते हैं. भारत की प्रमुख आबादी अभी भी कृषि प्रधान है और वे मौसम पर बहुत अधिक निर्भर हैं. इसरो के सितारों तक पहुंचने का मतलब अंततः मौसम के बारे में किसानों के बीच बेहतर जागरूकता होगी.” .

दूसरे ने कहा, “हम अन्वेषण के किसी क्षेत्र में अपनी लागत को कम करके गरीबी को दूर नहीं कर सकते. लोग गरीब हैं क्योंकि वे कमाई नहीं कर रहे हैं. वे कमाई नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे कुशल नहीं हैं. वे कुशल नहीं हैं क्योंकि हमारी शिक्षा प्रणाली त्रुटिपूर्ण है. हमें किस पर काम करने की ज़रूरत है.” 

तीसरे यूजर ने कहा, “अनुसंधान गुणक 100 गुना है, लेकिन पैदावार 10 वर्षों में आती है. अंतरिक्ष मिशन हमें उन समस्याओं का पता लगाने में मदद करेंगे जो प्रकृति-आधारित आपदाओं का कारण बनती हैं और गरीबी उन्मूलन में मदद करती हैं.” चौथे ने कहा, “यह सवाल तब उठता है जब हमारे पास दोनों क्षेत्रों के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. लेकिन, गरीबी संसाधनों के अकुशल उपयोग के कारण है, यानी जनशक्ति संसाधन या कोई अन्य संसाधन. समस्या पृथ्वी पर मिशनों में है, न कि अंतरिक्ष”.

कस्वां के ट्वीट को 329,000 से अधिक बार देखा गया और लगभग 3,000 लाइक्स मिले.

टेक्निकल गुरुजी ने एप्पल पार्क से बताया कैसे इस्तेमाल कर सकेंगे एप्पल विजन प्रो हेडसेट?





Source link

x