howrah bridge history which situated on hugli river ravindra setu
History Of Howrah Bridge: हावड़ा ब्रिज अपनी बनावट और खूबसूरती के लिए भारत समेत दुनियाभर में मशहूर है. यह हावड़ा में हुगली नदी पर बना हुआ है, लेकिन क्या आप हावड़ा ब्रिज का इतिहास जानते हैं? हावड़ा ब्रिज को बनाने का काम ब्रिटिश सरकार ने 1936 में शुरू किया था, लेकिन यह ब्रिज 1942 में जाकर पूरा हुआ. हालांकि, अब तक इसे आम लोगों के लिए खोला नहीं गया था. हावड़ा ब्रिज को 3 फरवरी 1943 को आम लोगों के लिए खोल दिया गया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आज तक हावड़ा ब्रिज का उद्घाटन नहीं किया गया.
टाटा स्टील और बीबीजे कंस्ट्रक्शन कंपनी को जाता है श्रेय
हावड़ा ब्रिज को बनाने में 26 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ था, जिसमें 23 हजार टन टिस्काल स्टील की सप्लाई टाटा स्टील ने की थी. इसके निर्माण का श्रेय टाटा स्टील और बीबीजे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के कामगारों को दिया जाता है. हालांकि, हावड़ा ब्रिज को बनाना आसान नहीं था, लेकिन टाटा स्टील और बीबीजे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के कामगारों ने तमाम बाधाओं के बावजूद निर्माण कार्य पूरा किया. आपको जानकर हैरानी होगी कि पूरा हावड़ा ब्रिज हुगली नदी के दोनों किनारों पर बने 280 फीट ऊंचे 2 पिलरों पर टिका हुआ है. दोनों पिलरों के बीच की दूसरी डेढ़ हजार फीट है.
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दिसंबर 1942 में कुछ दूरी पर गिरा था बम, लेकिन…
क्या आप जानते हैं द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दिसंबर 1942 में एक बम हावड़ा ब्रिज से महज कुछ दूरी पर गिरा था, लेकिन गनीमत रही कि ब्रिज को नुकसान नहीं पहुंचा. बताते चलें कि भारत सरकार ने नोबेल प्राइज विजेता रवींन्द्र नाथ टैगोर के नाम पर हावड़ा ब्रिज का नामकरण साल 1965 में रवींन्द्र सेतू कर दिया. आज हावड़ा ब्रिज की गिनती दुनिया के सबसे मशहूर ब्रिजों में होती है. इस ब्रिज की खूबसूरती देखते ही बनती है. हावड़ा ब्रिज को बने 80 सालों से अधिक का वक्त हो गया है, लेकिन आजन तक इसकी खूबसूरती बरकरार है.
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