I Am Eldest, I Will Go Last Courageous Words Of Gabbar Singh, Rescued Laborer Trapped In The Tunnel – मैं बड़ा हूं, आखिर में जाऊंगा…: रेस्क्यू किए गए टनल में फंसे मजदूर गब्बर सिंह के साहस भरे शब्द



f5a0bi7g gabbar singh I Am Eldest, I Will Go Last Courageous Words Of Gabbar Singh, Rescued Laborer Trapped In The Tunnel - मैं बड़ा हूं, आखिर में जाऊंगा...: रेस्क्यू किए गए टनल में फंसे मजदूर गब्बर सिंह के साहस भरे शब्द

लगभग 200 फीट अंदर जमीन में 400 से अधिक घंटे फंसे रहने के दौरान नेगी ने अपने सहयोगियों को योग और मेडिटेशन सिखाया. साथ ही ये सुनिश्चित किया कि वे शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहें, और यह कहकर उनकी सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वो सबसे अंतिम व्यक्ति होंगे, जो बाहर निकलेंगे. 

उनके भाई जयमाल सिंह नेगी ने मुस्कुराते और राहत महसूस करते हुए बुधवार सुबह एनडीटीवी को बताया, “‘मैं सबसे वरिष्ठ हूं… मैं बाहर आने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा…’, यही उन्होंने मुझसे कहा था.” फिलहाल सभी 41 लोगों को बाहर निकाल लिया गया है और यह सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल टेस्ट की गई कि उन्हें कोई चोट तो नहीं आई है. सारे मजदूर के सुरक्षित बाहर आ जाने में नेगी की भी बड़ी भूमिका है.

जयमाल नेगी, जो दो सप्ताह से सुरंग ढहने वाली जगह पर हैं, ने एनडीटीवी को बताया, “मैं बहुत खुश हूं… परिवार बहुत खुश है। न केवल परिवार बल्कि पूरा देश… पूरे देश ने उनके लिए प्रार्थना की. जब वे बाहर आए और हमने देखा कि वे सुरक्षित हैं, तो हमने मिठाइयां और मालाएं बांटीं.” 

नेगी ने कहा, “मैं उनसे रोजाना बात करता रहा. पहले तो जमीन में डाले गए पाइपों के जरिए और फिर फोन के जरिए जो उन्होंने हमें दिए थे. मैंने अपने भाई को योग करने की सलाह दी. उन्होंने कहा, ‘हां, हम सब यह कर रहे हैं.’

चेहरे पर बड़ी मुस्कान के साथ जयमाल नेगी ने एनडीटीवी को अपने भाई की बहादुरी के बारे में बताया, “वह बहुत बहादुर है. जब मैंने उससे पूछा कि क्या रेस्क्यू शुरू होने पर भगदड़ मच जाएगी, तो उसने मुझसे कहा, ‘मैं बड़ा हूं, मैं आखिरी में रहूंगा.”

नेगी ने कहा, “उन्होंने मुझसे कहा कि उन्होंने एक सूची बना ली है और उसी ऑर्डर के हिसाब से सारे बाहर निकलेंगे.” और यह सिर्फ जयमाल नेगी ही नहीं हैं जिन्होंने अपने भाई के नेतृत्व गुणों की प्रशंसा की है, बल्कि बाहर आए कई मजदूरों ने भी इस बात को दोहराया है.

यह भी पढ़ें –

बिहार : छुट्टियों पर विवाद के बीच विभाग ने दी सफाई, कहा – सामान्य और उर्दू स्कूलों के लिए अलग कैलेंडर

बाहर निकले 41 मजदूर सुरक्षित, अब उत्तराखंड की सुरंग ढहने के कारण का लगाया जा रहा पता


 



Source link

x